
सुप्रीम कोर्ट ने 'गलत तरीके' से बाल काटने पर मॉडल को दो करोड़ मुआवजा देने का आदेश किया खारिज, जानें पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में एक होटल के सैलून में गलत तरीके से बाल काटने पर एक मॉडल को हुई पीड़ा के कारण उसे दो करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने के NCDRC के आदेश को खारिज कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में एक होटल के सैलून में गलत तरीके से बाल काटने पर एक मॉडल को हुई पीड़ा एवं आय की हानि के कारण उसे दो करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने के राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के आदेश को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि वह आईटीसी मौर्य में सैलून द्वारा ‘सेवा में खामी’ के संबंध में आयोग के निष्कर्ष में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता. उसने मामले को एनसीडीआरसी को भेज दिया ताकि महिला को मुआवजे को लेकर अपने दावे के संबंध में सबूत पेश करने का मौका दिया जा सके. उसने कहा कि एनसीडीआरसी इसके बाद रिकॉर्ड में रखी गई सामग्री के अनुसार मुआवजे की मात्रा के संबंध में नया निर्णय ले सकता है.
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न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने आशना रॉय की शिकायत पर NCDRC के सितंबर 2021 के आदेश के खिलाफ आईटीसी लिमिटेड द्वारा याचिका पर यह फैसला सुनाया. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘एनसीडीआरसी के आदेश के अवलोकन से हमें मुआवजे की मात्रा निर्धारित करने के लिए किसी भी भौतिक साक्ष्य पर चर्चा या संदर्भ नहीं मिलता है.’ उसने कहा कि शीर्ष अदालत ने रॉय से बार-बार अनुरोध किया कि जब उसने 12 अप्रैल 2018 को बाल कटाए थे, उस समय वह अपनी नौकरी के सबंध में एनसीडीआरसी के समक्ष रखी गई सामग्री के बारे में जानकारी दे.
पीठ ने कहा कि न्यायालय ने रॉय से अतीत में किए विज्ञापन एवं मॉडलिंग से जुड़े अपने काम दिखाने या वर्तमान एवं भविष्य में उसके किसी भी ब्रांड के साथ किए करार पेश करने को कहा था, ताकि उसे हुए संभावित नुकसान का आकलन किया जा सके. उसने कहा कि प्रतिवादी (रॉय) उपरोक्त प्रश्नों के संबंध में जवाब देने में पूरी तरह विफल रही. पीठ ने कहा कि इस मामले में दो करोड़ रुपए मुआवजा अत्यधिक एवं असंगत है.
(इनपुट: भाषा)
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