
भारत में आ गई है कोरोना की चौथी लहर, लोगों ने कहा है-डरते नहीं हैं, आता है तो आने दो..., जानिए क्या है वजह
भारत में आ गई है कोरोना की चौथी लहर? इसे लेकर एक सर्वे कराई गई और इसकी रिपोर्ट जारी की गई है. सर्वे में लोगों ने कहा-हमें पूरा विश्वास है, हम कोरोना से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और इस बार भी हम जंग जीत लेंगे.

Covid-19 In India: LocalCircles ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया है. सर्वे में शामिल 3 में से 1 भारतीयों का मानना है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर शुरू हो चुकी है.सर्वेक्षण में शामिल 55% लोगों को पूरा विश्वास है कि भारत में विशेषज्ञ चौथी कोविड लहर की स्थिति में चीजों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगे. सर्वे में 83% नागरिक चाहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय सभी जिलों के लिए दैनिक COVID मामलों की रिपोर्ट करना अनिवार्य करें. लोगों को पूरा भरोसा है कि जिस तरह से तीसरी लहर ज्यादा प्रभावी नहीं रही थी वैसे ही इस बार भी कोरोना हार जाएगा.
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भारत में कई विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में कोरोना का मौजूदा स्थिति कोरोना के बीए.2.12.1 सब-वेरिएंट की वजह से है. लोगों के मन में बड़ा सवाल यह है कि क्या हम कोरोना की चौथी लहर के शुरुआती दिनों में हैं? कोरोना की चौथी लहर की संभावना के बावजूद दुनिया भर में फ्लाइट्स उड़ानें भर रही हैं.ओमिक्रॉन के 5 से 7 अलग-अलग वैरिएंट्स दुनिया भर में घूम रहे हैं और कई देशों में कोविड के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, कहीं जोखिम बहुत अधिक है.
ऐसे में कुछ विशेषज्ञों की राय है कि हर 6 महीने में COVID के संक्रमण की लहर आने की संभावना होती है क्योंकि प्राकृतिक संक्रमण से प्रतिरक्षा समय के साथ कम होती जाती है.
LocalCircles ने इस विषय पर नागरिकों की नब्ज को बारीकी से टटोला है और कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर वैश्विक स्थिति पर चर्चा की है. इस सर्वेक्षण में लोगों से COVID की ताजा स्थिति के बारे में उनके दृष्टिकोण, भारत के विशेषज्ञों में उनके विश्वास और उन्हें संभालने की उनकी क्षमता के बारे में समझने की कोशिश की.
इस सर्वेक्षण में भारत के 341 जिलों के नागरिकों से 36,000 प्रतिक्रियाएं मिलीं, इस सर्वे में 68% पुरुष शामिल थे जबकि 32% महिलाएं थीं. 41% उत्तरदाता महानगरों/टियर 1 जिलों से, 33% टियर 2 जिलों से और 26% टियर 3, 4 और ग्रामीण इलाकों से थे.
लोगों ने कहा-कोविड की चौथी लहर शुरू हो चुकी है
सर्वेक्षण में पहला सवाल नागरिकों से पूछा गया, “इस समय वैश्विक COVID स्थिति को देखते हुए, भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें खुली हैं, दिल्ली-एनसीआर में COVID मामलों में फिर से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, ऐसे में आप भारत में COVID की चौथी लहर को कैसे देखते हैं?” इसके जवाब में, 29% नागरिकों ने कहा “2022 में तो संभावना नहीं है” और 4% ने कहा “कम से कम 6 महीने के लिए तो नहीं.” 34% ने कहा “यह पहले ही अप्रैल में शुरू हो चुका है.”, 13% ने कहा “मई-जून से शुरू हुआ है”, 7% ने कहा “जुलाई-अगस्त से शुरू हुआ है” 4% ने कहा “सितंबर-अक्टूबर से शुरू हुआ है” कुल मिलाकर, 3 में से 1 भारतीय का मानना है कि भारत में चौथी COVID लहर शुरू हो चुकी है.
हम कोविड से जंग जीतने में कामयाब होंगे
सर्वेक्षण में शामिल 55% लोगों को पूरा विश्वास है कि भारत में विशेषज्ञ चौथी COVID लहर की स्थिति में चीजों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगे. लोगों का कहना था कि जिस तरह से दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएं की वजह से COVID-19 तेजी से फैला और मार्च के मध्य से मई 2021 के मध्य तक इसके संक्रमण की वजह से हर दिन बहुत लोगों की जान चली गई.
उसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने कोविड से मुकाबले के लिए कुछ बेहतर तैयारियां की हैं और दिसंबर 2021 में ओमिक्रॉन के आने तक चीजों को बारीकी से ट्रैक किया. सौभाग्य से, ओमिक्रॉन के गंभीर मामले नहीं आए और अस्पताल में मरीजों को भर्ती नहीं करना पड़ा और अब तो ऑक्सीजन की आपूर्ति, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की भी तैयारी की गई है.
लोगों ने कहा-अपने वैज्ञानिकों और सरकार पर पूरा है विश्वास
जब लोगों से पूछा गया कि COVID के 5-7 प्रकार दुनिया भर में फैल रहे हैं, आप इसे लेकर कितने आश्वस्त हैं. क्या भारत में विशेषज्ञ चौथी COVID लहर की स्थिति में चीजों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगे? इसके जवाब में, 55% नागरिकों ने कहा कि “पूरा आत्मविश्वास” हैं, 29% ने कहा “कुछ हद तक आश्वस्त हैं”, 4% ने कहा “बहुत कम आत्मविश्वास है” सर्वेक्षण में शामिल 55% लोगों को अत्यधिक विश्वास है कि भारत में विशेषज्ञ चौथी COVID लहर की स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगे.
लोगों का कहना था कि कोविड के मामले में जैसे-जैसे गिरावट आई है, कई राज्यों और जिलों ने इस साल फरवरी के बाद से दैनिक कोविड मामलों की रिपोर्ट करना बंद कर दिया है. कुछ राज्यों और जिलों में हाल के मामलों में वृद्धि को देखते हुए दैनिक COVID मामलों की रिपोर्ट करना अनिवार्य करना चाहिए.
कोविड गाइडलाइंस जारी हो, पूरी तरह से पालन हो
वैज्ञानिकों, महामारी विज्ञानियों, वायरोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञों के आधार पर जो इनपुट मिला है, उसके मुताबिक COVID वेरिएंट और सब-वेरिएंट की संक्रामक प्रकृति को देखकर पुन: संक्रमण के जोखिम से डेटा और सर्वेक्षण के निष्कर्ष, मास्किंग, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य प्रतिबंधों के संबंध में कड़ाई की आवश्यकता होगी. जैसे ही जिला स्तर पर COVID के मामले बढ़ने लगते हैं, मास्क अनिवार्य और अन्य प्रतिबंधों को तुरंत फिर से लागू किया जाना चाहिए.
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