भगोड़े शराब कारोबारी Vijay Mallya को कब लाया जाएगा भारत, क्यों हो रही देर? सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दी यह जानकारी

Vijay Mallya News: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि बैंकों के अरबों रुपये गवन करने के आरोपी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को ब्रिटेन से भारत लाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं.

Updated: January 18, 2021 5:29 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

Vijay Mallya
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Vijay Mallya News: केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि बैंकों के अरबों रुपये गवन करने के आरोपी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को ब्रिटेन से भारत लाने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ बिन्दुओं पर चल रही कानूनी कार्यवाही की वजह से विलंब हो रहा है. विजय माल्या, बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैकों का 9 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में आरोपी है.

न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण की स्थिति के बारे में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया. इस पर पीठ ने इसकी सुनवाई 15 मार्च के लिये स्थगित कर दी. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से मेहता ने विजय माल्या के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की स्थिति के बारे में विदेश मंत्रालय के अधिकारी देवेश उत्तम द्वारा उन्हें लिखा गया पत्र पीठ के साथ साझा किया.

उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की सरकार के समक्ष माल्या के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया है और केंद्र पूरी गंभीरता से उसे वापस लाने के प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी स्थिति पूर्ववत है और राजनीतिक कार्यपालिका के स्तर से लेकर प्रशासनिक स्तर पर बार बार यह मामला उठाया जा रहा है. पीठ ने विदेश मंत्रालय के इस अधिकारी का यह पत्र रिकॉर्ड पर लेने के बाद सुनवाई 15 मार्च के लिये स्थगित कर दी.

विजय माल्या 2016 से ब्रिटेन में है. माल्या प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस द्वारा किये अमल के बाद से 18 अप्रैल, 2017 से जमानत पर है. मेहता द्वारा न्यायालय में पेश पत्र में कहा गया है, ‘विदेश मंत्रालय को ब्रिटिश सरकार ने सूचित किया है कि इसमें एक और कानूनी मुद्दा है जिसे माल्या का प्रत्यर्पण करने से पहले सुलझाने की आवश्यकता है.’

पत्र में कहा गया है, ‘ब्रिटिश कानून के तहत इस मुद्दे को हल किये बगैर प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता है. चूंकि यह न्यायिक किस्म का है, इसलिए यह विषय गोपनीय है और आप समझ सकते हैं कि सरकार इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं करा सकती. हम यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि इसके समाधान में कितना वक्त लगेगा. भारत सरकार के लिये इस मामले के महत्व को ब्रिटिश सरकार पूरी तरह समझती है. मैं यह आश्वासन दे सकता हूं कि ब्रिटिश सरकार यथाशीघ्र इसे हल करने का प्रयास कर रही है.’

पत्र में यह भी लिखा है, ‘भारत सरकार विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिये लगातार प्रयास कर रही है. नवंबर, 2020 में विदेश सचिव हर्षवर्धन ऋंगला ने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के सामने यह मुद्दा उठाया था और उन्होंने विजय माल्या के शीघ्र प्रर्त्यपण में आ रही कानूनी पेचीदगी के बारे में बताया था.’ पत्र में आगे कहा गया है कि दिसंबर, 2020 में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब के सामने यह मसला उठाया और हाल ही में जनवरी, 2021 में भारत के गृह सचिव ने यह विषय उठाया लेकिन ब्रिटेन का जवाब पहले वाला ही रहा.

(इनपुट: भाषा)

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