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Yudh Abhyas: अमेरिका के साथ संयुक्त अभ्यास का हिस्सा बने लद्दाख में तैनात टैंक और हेलिकॉप्टर, थार के रेगिस्तान में हो रही बड़ी 'तैयारी'

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अफगानिस्तान और इराक जैसी आतंकवादी परिस्थितियां बनाई गई हैं.

Published: February 20, 2021 10:12 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

Yudh Abhyas
Yudh Abhyas

Yudh Abhyas: थार के रेगिस्तान में शनिवार को सेना के दो अपाचे हेलिकॉप्टरों की गूंज सुनाई दी. राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारत और अमेरिकी सेनाओं के संयुक्त अभ्यास के दौरान सैनिकों ने दो के बैच में चार एमआई-17 परिवहन हेलिकॉप्टर से उड़ान भरी.

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इसके कुछ मिनट बाद ही मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर चिनूक एक बख्तरबंद परिवहन वाहन के साथ दिखाई देता है, जो इसे निर्दिष्ट स्थान पर छोड़कर वापस चला जाता है. इस दौरान कुछ समय पहले तक हवा में मंडरा रहा अपाचे भी रुक जाता है और सैनिक जमीन पर उतरते हैं और अब वे कार्रवाई के लिए तैयार हैं. यह सारी प्रक्रिया संयुक्त अभ्यास का हिस्सा रही.

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इस अभ्यास या ड्रिल के दौरान, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में अफगानिस्तान और इराक जैसी नकली आतंकवादी परिस्थितियां (मॉक टेरर सिचुएशन) बनाई गई और भारतीय व अमेरिकी सेनाओं की संयुक्त टीम द्वारा जवाबी कार्रवाई की गई.

चीन के साथ सीमा विवाद के बाद लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात टैंक और विमान भी इस ड्रिल का हिस्सा हैं. राजस्थान की सूरतगढ़ स्थित ब्रिगेड का जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स के सप्त शक्ति कमान की 11वीं बटालियन द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया.

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संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान सैनिकों ने आतंकवाद निरोधक अभ्यास भी किया और विपरीत परिस्थियों में किस प्रकार से कार्रवाई करनी है, इसके लिए विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया.

इस ड्रिल के दौरान संयुक्त टीम एक निर्मित क्षेत्र (बिल्ड-अप एरिया) की ओर बढ़ती है, जो कि एक ऐसा गांव हैं, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे. इस परिस्थिति से निपटने के लिए अभ्यास के तौर पर इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी और टी-90 भीष्म टैंक, स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन और सैनिकों के साथ लंबी दूरी और कम दूरी की तोपों के साथ सैनिकों ने एक समन्वित तरीके से अपनी मारक क्षमता का उपयोग किया. इसके बाद आतंकवादियों का पता लगाने के लिए खोज की गई.

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मॉक काउंटर आतंकी ऑपरेशन के दौरान, आर्मी एविएशन द्वारा फायर सपोर्ट दिया गया था. चार स्वदेशी रूप से उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) रुद्र ने मिसाइलों से लक्ष्य को मारा. आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करने के साथ ड्रिल का समापन हुआ.

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यह भारत और अमेरिकी सेना के बीच एक द्विपक्षीय युद्ध अभ्यास है और फिलहाल इसका 16वां संस्करण जारी है. यह आठ फरवरी को शुरू हुआ था, जिसका समापन 21 फरवरी को होगा. डोगरा के सैन्य कमांडर जनरल जोरावर सिंह के नाम पर ड्रिल का नाम जोरावर रखा गया, जिन्हें ‘लद्दाख का विजेता’ के रूप में जाना जाता है.

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ड्रिल का फोकस काउंटर टेरर ऑपरेशंस पर है. इसके अलावा दोनों देशों के सैनिक हथियारों, युद्धक्षेत्र आघात प्रबंधन, आकस्मिक निकासी, सामरिक स्तर की पूछताछ, खुफिया संग्रह, ट्रैकिंग और विभिन्न उन्नत तकनीक के साथ अपना अनुभव साझा कर रहे हैं. अमेरिकी सेना के कुल 240 सैनिक अभ्यास का हिस्सा हैं.

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(इनपुट आईएएनएस)

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Published Date: February 20, 2021 10:12 PM IST