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मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी, मोदी सरकार के फैसले से जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों की बढ़ेगी कमाई
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र सरकार यहां के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तमाम सहूलियतें देने में जुटी है.
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र सरकार यहां के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए तमाम सहूलियतें देने में जुटी है. इसी कड़ी में बुधवार को मोदी सरकार की कैबिनेट की बैठक में सत्र 2020-21 में भी जम्मू एवं कश्मीर में सेब खरीद के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के विस्तार को मंजूरी दी गई. किसानों से केंद्रीय खरीद एजेंसी नैफेड और राज्य एजेंसियां सीधे सेब खरीदेंगी. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा. इस योजना के तहत 12 लाख मीट्रिक टन सेब खरीदे जा सकते हैं.
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सरकार ने नैफेड को इस अभियान के लिए 2,500 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी उपयोग करने की भी अनुमति दी है. इस अभियान में अगर कोई नुकसान होता है, तो उसे पचास-पचास फीसदी के आधार पर केंद्र सरकार और जम्मू एवं कश्मीर के केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन के बीच साझा किया जाएगा.
पिछले सत्र में गठित नामित मूल्य समिति को इस सीजन के लिए भी सेब के विभिन्न प्रकार और सेब के ग्रेड की कीमत निर्धारण के लिए जारी रखा जाएगा. जम्मू कश्मीर का केन्द्र शासित प्रशासन संबंधित मंडियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास करेगा.
खरीद प्रक्रिया के सुचारू और निरंतर कार्यान्वयन की निगरानी केंद्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति करेगी और केंद्र स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यान्वयन और समन्वय समिति का गठन किया जाएगा. मोदी सरकार का यह फैसला, घाटी के सेब उत्पादकों को एक प्रभावी विपणन मंच प्रदान करेगा. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन की सुविधा भी मिलेगी. इससे जम्मू और कश्मीर में किसानों की कमाई बढ़ेगी.
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