
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए अब चुनाव आयोग के डेटा का होगा प्रयोग, कल से शुरू होगा देशभर में टीकाकरण
चुनाव आयोग ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद चार जनवरी को गृह सचिव को लिखा कि उसने टीकाकरण अभियान में ‘‘पूरी सहायता’’ करने का निर्णय किया है.

नई दिल्ली: चुनाव आयोग कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिए बूथ स्तर पर लाभार्थियों की पहचान करने में सरकार की ‘‘पूरी सहायता’’ करेगा, लेकिन आयोग चाहता है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी ये डाटा मिटा दें. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि पिछले वर्ष 31 दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आयोग बूथ स्तर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने में मदद करे.
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डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर गृह सचिव ने लिखा था कि साइबर सुरक्षा के लिए सरकार वर्तमान में जारी बेहतर व्यवस्था का अनुपालन कर रही है. सूत्रों ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को आश्वस्त किया है कि केवल टीकाकरण के लिए डाटा का इस्तेमाल किया जाएगा.
सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद चार जनवरी को गृह सचिव को लिखा कि उसने टीकाकरण अभियान में ‘‘पूरी सहायता’’ करने का निर्णय किया है. साथ ही सरकार से कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि डाटा का इस्तेमाल पूरी तरह से केवल टीकाकरण उद्देश्य के लिए किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि आयोग ने कहा है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होते ही स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा डाटा को मिटा दिया जाना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नोडल अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे ताकि रोजाना के मुद्दों का समाधान किया जा सके.
चुनाव आयोग के बूथ स्तर तक ठोस नेटवर्क को देखते हुए पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों ने चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी और कोविड-19 टीका के वितरण में उनका सहयोग मांगा था. सूत्रों ने कहा कि बैठक के बाद गृह सचिव ने पत्र लिखा था.
कोविड-19 टीकाकरण अभियान के दिशानिर्देशों के मुताबिक लोकसभा और विधानसभा चुनावों की नवीनतम मतदाता सूची का इस्तेमाल 50 वर्ष से अधिक उम्र के प्राथमिकता वाली आबादी का पता लगाने में किया जाएगा. लाभार्थियों की पहचान के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पेंशन दस्तावेज सहित 12 पहचान पत्रों की आवश्यकता होगी.
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले करीब एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मियों को टीका दिया जाएगा. इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और फिर अन्य बीमारियों से ग्रस्त 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका दिया जाएगा.
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कार्यकर्ताओं के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे.
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