Top Recommended Stories

केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाएं स्वामी विवेकानंद की गरीबों की मदद करने की सोच से मेल खाती हैं: पीएम मोदी

उन्होंने कहा, ‘‘यदि गरीबों की पहुंच बैंकों तक ना हो तो बैंकों को उनके पास पहुंचना चाहिए...वह है जन धन योजना.

Published: January 31, 2021 7:00 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Gaurav Tiwari

केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाएं स्वामी विवेकानंद की गरीबों की मदद करने की सोच से मेल खाती हैं: पीएम मोदी
PM Narendra Modi (File Photo)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को केंद्र सरकार की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी स्वामी विवेकानंद की गरीबों की मदद करने की दृष्टि से मेल खाती हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक भारत आज विश्व की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर रहा है. रामकृष्ण मिशन की मासिक पत्रिका ‘‘प्रबुद्ध भारत’’ के 125वें वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए जन धन खाते खोलने से लेकर उनके स्वास्थ्य की चिंता करने वाली आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं तक का जिक्र किया और दावा किया कि सभी स्वामी विवेकानंद की दृष्टि से मेल खाती हैं.

Also Read:

उन्होंने कहा, ‘‘यदि गरीबों की पहुंच बैंकों तक ना हो तो बैंकों को उनके पास पहुंचना चाहिए…वह है जन धन योजना. यदि गरीबों की पहुंच बीमे तक ना हो तो उन्हें यह मिलना चाहिए और वह है जन सुरक्षा योजना. यदि गरीबों की पहुंच स्वास्थ्य सेवाओं तक ना हो तो स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों तक पहुंचना चाहिए और वह है आयुष्मान भारत योजना.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि कमजोरी का उपाय उसे लटकाए रखना नहीं है बल्कि उसके सामधान के रास्ते तैयार करना है. उन्होंने कहा, ‘‘जब हम बाधाओं की सोच कर चलते हैं तो हम उसमें दब जाते हैं जब हम अवसरों की सोच कर चलते हैं तो आगे बढ़ते रहते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी को ही लीजिए. भारत ने क्या किया? समस्या देखकर वह हताश नहीं हुआ. भारत ने समाधान के रास्ते तलाशे. पीपीई किट के उत्पादन से लेकर विश्व की फार्मेसी बनने तक हमारा देश मजबूत होता गया.’’

उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 का टीका विकसित करने में अग्रिम मोर्चे पर रहा और कुछ दिनों पूर्व ही देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आरंभ किया. उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल दूसरे देशों की मदद करने में भी कर रहे हैं.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ऐसी समस्या है जिसका सामना पूरी दुनिया कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने ना सिर्फ समस्या को उठाया बल्कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के रूप में समाधान भी पेश किया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम नवीकरणीय संसाधनों के अधिक से अधिक इस्तेमाल पर भी बल दे रहे हैं. स्वामी विवेकानंद की दृष्टि वाला प्रबुद्ध भारत तैयार किया जा रहा है. यह ऐसा भारत है जो आज विश्व को समाधान दे रहा है. ‘‘प्रबुद्ध भारत’’ पत्रिका भारत के प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान के संदेश को प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है.

इसका प्रकाशन चेन्नई से शुरू किया गया था जहां से दो साल तक इसका प्रकाशन होता रहा. बाद में इसे उत्तराखंड के अल्मोड़ा से प्रकाशित किया जाने लगा. अप्रैल 1899 में पत्रिका के प्रकाशन का स्थान अद्वैत आश्रम में स्थानांतरित कर दिया गया और तब से वहीं से इस पत्रिका का प्रकाशन हो रहा है.

भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता, दर्शन, इतिहास, मनोविज्ञान, कला और अन्य सामाजिक मुद्दों पर कई महान हस्तियों ने अपने लेखन के माध्यम से ‘‘प्रबुद्ध भारत’’ के पन्नों पर अपनी छाप छोड़ी है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, भगिनी निवेदिता, श्री अरबिंदो, पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे लेखकों ने कई वर्षों तक पत्रिका में योगदान दिया.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Published Date: January 31, 2021 7:00 PM IST