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Tipu Sultan Sword Auction: टीपू सुल्तान की तलवार ने नीलामी में तोड़े कई रिकॉर्ड, जानें क्या रही कीमत

Tipu Sultan Sword Auction: मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तलवार ने लंदन में बोनहम्स के लिए भारतीय वस्तुओं की नीलामी के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए.

Published: May 25, 2023 11:06 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Parinay Kumar

Tipu Sultan Sword Auction
टीपू सुल्तान के तलवार ने नीलामी में सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए. (Photo: PTI)

Tipu Sultan Sword Auction: मैसूर के 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की तलवार ने लंदन में बोनहम्स के लिए भारतीय वस्तुओं की नीलामी के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए. यह इस सप्ताह हुई इस्लामी एवं भारतीय कला बिक्री में 1.4 करोड़ पौंड (जीबीपी) में बिकी है. वर्ष 1782 से 1799 तक शासन करने वाले टीपू सुल्तान की तलवार को ‘सुखेला’- सत्ता का प्रतीक कहा जाता है. यह तलवार स्टील की है और इस पर सोने से बेहतरीन नक्काशी की गई है. यह टीपू सुल्तान के निजी कक्ष में मिली थी और ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमले में उनके साहस और सम्मान के प्रतीक के तौर पर जनरल डेविड बेयर्ड को भेंट की थी. इस हमले में टीपू सुल्तान की मौत हो गई थी, जिन्हें ‘टाइगर ऑफ मैसूर’ के नाम से जाना जाता है. यह हमला मई 1799 में हुआ था.

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बोनहम्स के इस्लामी और भारतीय कला के प्रमुख और नीलामकर्ता ओलिवर व्हाइट ने मंगलवार को बिक्री से पहले एक बयान में कहा था कि यह शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े उन सभी हथियारों में सबसे बेहतरीन है जो आज भी निजी हाथों में है. उन्होंने कहा कि सुल्तान का इसके साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत जुड़ाव था और इसका उत्कृष्ट शिल्प कौशल इसे अद्वितीय बनाता है. तलवार का मूल्य जीबीपी 1,500,000 और 2,000,000 के बीच था लेकिन इसे अनुमानित तौर पर 14,080,900 में बेचा गया.

Tipu Sultan sword

Tipu Sultan sword. (Photo: PTI)

इस्लामी एवं भारतीय कला की समूह प्रमुख नीमा सागरची ने कहा कि तलवार का असाधारण इतिहास और बेजोड़ शिल्प कौशल है. उन्होंने कहा कि फोन के जरिए दो लोगों ने, जबकि कक्ष में मौजूद एक व्यक्ति ने बोली लगाई और उनके बीच गर्मजोशी से मुकाबला हुआ. मई 1799 में टीपू सुल्तान का शाही गढ़ श्रीरंगपट्ट्नम तबाह होने के बाद उनके महल से कई हथियारों को हटाया गया था. इसमें कुछ हथियार उनके बेहद करीब थे. 16वीं शताब्दी में भारत में पेश किए गए जर्मन ब्लेड के मॉडल के बाद मुगल तलवार निर्माताओं ने इसे बनाया था और इसकी मूठ पर सोने से कैलिग्रफी हुई है और अल्लाह का गुणगान किया गया है.

(इनपुट: भाषा)

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