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NCB फैशन परेड करा है, CBI ने आज तक कोई भी प्रेस ब्रीफिंग नहीं की: सुशांत की फैमिली के वकील
केके सिंह राजपूत के वकील का दावा, सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सीबीआई की जांच की गति धीमी हो गई है
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राजपूत की मौत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच की गति अचानक धीमी हो गई है और पूरा ध्यान मादक पदार्थ संबंधी मुद्दों की ओर केंद्रित हो गया है. सिंह ने आरोप लगाया कि मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) मीडिया का ध्यान बंटाने के लिए बॉलीवुड के सितारों की एक फैशन परेड करा रहा है.
सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ”आज हम असहाय हैं क्योंकि हमें नहीं पता कि मामला किस दिशा में जा रहा है. सामान्य तौर पर संवाददाता सम्मेलन सीबीआई द्वारा किया जाता है. लेकिन इस मामले में आज तक सीबीआई ने इस बारे में कोई भी प्रेस ब्रीफिंग नहीं की कि उन्हें क्या मिला है. यह बहुत गंभीर मुद्दा है.’’ सिंह ने ट्वीट किया, ”आत्महत्या के लिए उकसाने को एसएसआर (सुशांत सिंह राजपूत) की हत्या के मामले में बदलने का फैसला करने में सीबीआई की देरी से हताश हो रहा हूं.”
Today, we are helpless as we don’t know which direction the case is going in. Till today, CBI has not done a press briefing on what they have found out. I’m not happy with the speed at which the case is going: Vikas Singh, lawyer of the father of Sushant Singh Rajput https://t.co/qyBzzdDFbh
— ANI (@ANI) September 25, 2020
सुशांत के परिवार के वकील विकास सिंह ने यह भी दावा किया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) टीम का हिस्सा रहे एक चिकित्सक ने उन्हें ”बहुत पहले बताया था कि राजपूत की तस्वीरें-जो स्वयं अधिवक्ता ने भेजी थीं- संकेत देती हैं कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि कथित तौर पर गला दबाकर की गई हत्या थी.
जहां तक मादक पदार्थ के कोण का सवाल है, अधिवक्ता ने दावा किया कि ऐसा मामला तभी बनाया जा सकता है, जब कुछ मात्रा में मादक पदार्थ किसी से जब्त किया जाए. सिंह ने आरोप लगाया कि मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) मीडिया का ध्यान बंटाने के लिए बॉलीवुड के सितारों की एक फैशन परेड करा रहा है.
वकील सिंह ने कहा, ”कोई अपराध तब तक साबित नहीं किया जा सकता जब तक कुछ मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ बरामद नहीं होता. मामला केवल अनियत ग्राहक का बनता है और किसी को दोषी साबित करना लगभग असंभव है.”
वकील ने इससे पहले ट्वीट किया कि इस मामले में निर्णय लेने में सीबीआई की देरी से वह हताश हो रहे हैं.
सिंह ने ट्वीट किया, ”आत्महत्या के लिए उकसाने को एसएसआर (सुशांत सिंह राजपूत) की हत्या के मामले में बदलने का फैसला करने में सीबीआई की देरी से हताश हो रहा हूं.” वकील ने कहा, ”एम्स टीम का हिस्सा रहे चिकित्सक ने मुझे बहुत पहले बताया था कि मैंने उन्हें जो तस्वीरें भेजी थीं, वे 200 प्रतिशत इस बात की ओर इशारा करती हैं कि यह गला दबाने से हुई मौत थी, आत्महत्या नहीं थी.”
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत (34) का शव 14 जून को उपनगर बांद्रा में उनके अपार्टमेंट में लटका मिला था. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
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