
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.
नागपुर: महाराष्ट्र सरकार ने अपनी 150 वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक येरवडा सेंट्रल जेल पुणे में 26 जनवरी से शुरू होने वाले ‘जेल टूरिज्म’ के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक अनूठी पहल करने का फैसला किया है. इसकी जानकारी राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने श्निवार को दी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में गणतंत्र दिवस पर पहल शुरू की.
उन्होंने कहा, “यह ‘जेल टूरिज्म’ का पहला चरण है. बाद में, इसे नागपुर, नासिक, ठाणे आदि अन्य जेलों में विस्तारित किया जाएगा. इसकी मामूली सी फीस होगी. स्कूली छात्रों के लिए 5 रुपये, कॉलेज के छात्रों के लिए 10 रुपये और सामान्य पर्यटकों को 50 रुपये शुल्क देना होगा.”
सन् 1871 में निर्मित जेल 512 एकड़ में फैली हुई है, जो दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल है. पर्यटकों, शोधकर्ताओं और अन्य समूहों को जेल के चारों ओर जाने और जेल के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने की अनुमति देगा. यह इतिहास स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है.
सबसे प्रमुख ऐतिहासिक शख्सियतों में, जिन्होंने यहां समय बिताया है, उनमें महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, सरोजिनी नायडू, लोकमान्य केशव (बाल) गंगाधर तिलक, जोआचिम अल्वा और वीर सावरकर शामिल हैं. आपातकाल के दौरान, जिन लोगों को जेल में डाला गया था, उनमें अटल बिहारी वाजपेयी, प्रमिला दंडवते, बालासाहेब देवरस, वसंत नरगोलकर शामिल थे.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें