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इजरायल के साथ ऐतिहासिक समझौते के बाद UAE ने भारत से की बात, विदेश मंत्रालय ने कहा- हमारे प्रमुख रणनीतिक साझेदार हैं दोनों देश
करीब करीब सभी अरब देश इजराइल को मान्यता नहीं देते हैं और उनके राजनयिक संबंध नहीं हैं.
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जसशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्ष अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान के साथ टेलीफोन पर इजराइल और खाड़ी देश के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते के बारे में चर्चा की. इस समझौते से दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यूएई और इजराइल के बीच संबंध पूर्ण रूप से सामान्य होने के बारे में चर्चा हुई.
उन्होंने कहा, ‘‘यूएई के विदेश मंत्री द्वारा आज कॉल किये जाने की गहराई से सराहना करते हैं. यूएई और इजराइल के बीच संबंधों को पूर्ण रूप से सामान्य बनाने की कल की गई घोषणा के बारे में चर्चा की. ’’ गौरतलब है कि यूएई और इजराइल ने एक समझौते को अंतिम रूप दिया है जिसका मकसद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना है. इसे पश्चिम एशिया में शांति पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है. करीब करीब सभी अरब देश इजराइल को मान्यता नहीं देते हैं और उनके राजनयिक संबंध नहीं हैं.
जयशंकर ने नाइजीरिया के चिदेश मंत्री जेफ्री ओनयिएमा के साथ भी टेलीफोन पर बातचीत की और दुनिया के समक्ष मौजूदा चुनौतियों एवं विकास गठजोड़ के बारे में चर्चा की. वहीं, विदेश मंत्रालय ने भी जयशंकर और यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान के बीच टेलीफोन पर बातचीत की जानकारी साझा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत पश्चिम एशिया में शांति,स्थिरता और विकास का पक्षधर है. हम इस घटनाक्रम का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि यूएई और इजराइन दोनों भारत के महत्वपूर्ण सामरिक साझेदार हैं.
(इनपुट भाषा)
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