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नई दिल्ली: भाजपा सांसद दिलीप घोष ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर सवाल खड़े करते हुए मंगलवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल में वोट की खातिर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का स्वागत होता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए जाते हैं.
West Bengal BJP Chief Dilip Ghosh in Lok Sabha: Nobody says ‘Go back’ to Rohingya who come from Myanmar and the refugees from Bangladesh in West Bengal, instead they are welcomed because they are voters. But Prime Minister and Governor are greeted with ‘Go back’ there. pic.twitter.com/EMHWExd5O0
— ANI (@ANI) February 4, 2020
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा को आगे बढ़ाते हुए घोष ने यह भी कहा कि सीएए की सबसे ज्यादा जरूरत पश्चिम बंगाल को थी जहां बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित लोग लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर जब अत्याचार होता है तो कोई प्रदर्शन नहीं होता है. घोष ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में सीएए विरोधी सभाओं एवं जुलूसों के लिए आराम से इजाजत दी जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करने के कार्यक्रम को इजाजत नहीं मिलती.
बंगाल में वोट की खातिर रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों का स्वागत
उन्होंने दावा किया कि बंगाल में वोट की खातिर रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों का स्वागत किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री और राज्यपाल के लिए ‘वापस जाओ’ के नारे लगते हैं. जदयू के राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सीएए को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है. राजनीति करनी चाहिए, लेकिन देश की एकता और अखंडता के नाम राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज दिया जाना चाहिए. तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमा नागेश्वर राव ने कहा कि सरकार को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए.
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