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झारखंड: 25 लाख के इनामी नक्सली का रांची में सरेंडर, लोहरदगा में 20 आधुनिक हथियार बरामद

झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलताएं मिलीं. एक तरफ रांची में जहां 25 लाख के इनामी माओवादी नक्सली विमल यादव ने रांची में सरेंडर कर दिया. वहीं, लोहरदगा में सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने नक्सलियों के 20 अत्याधुनिक हथियार बरामद किये.

Published: February 25, 2022 7:22 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

झारखंड: 25 लाख के इनामी नक्सली का रांची में सरेंडर, लोहरदगा में 20 आधुनिक हथियार बरामद
बरामद किये गये हथियार

रांची: झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलताएं मिलीं. एक तरफ रांची में जहां 25 लाख के इनामी माओवादी नक्सली विमल यादवउर्फ राधेश्याम यादव ने शुक्रवार को रांची में पुलिस के आला अफसरों के सामने सरेंडर कर दिया. वहीं, लोहरदगा में सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने नक्सलियों के 20 अत्याधुनिक हथियार बरामद किये. रांची में 22 लाख के इनामी विमल यादव के सरेंडर केमौके पर मौजूद रहे झारखंड पुलिस के आईजी अभियान एवी होमकर ने इसे पुलिस के लिए बड़ी सफलता बताया है. उन्होंने कहा कि विमल यादव माओवादी नक्सलियों की सर्वोच्च कमेटी (सैक) का अहम सदस्य रहा है. झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी से प्रभावित होकर वह मुख्यधारा में शामिल हुआ है.

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विमल यादव मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के करौना थाना क्षेत्र अंतर्गत सलेमपुर का रहने वाला है, लेकिन पिछले 10 वर्षों से भी अधिक वक्त से उसका प्रमुख कार्यक्षेत्र झारखंड था. विमल झारखंड में नक्सलियों के सबसे बड़े गढ़ बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज भी था. लगभग 30 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़े विमल पर बिहार-झारखंड में दो दर्जन से भी अधिक वारदातों का नामजद अभियुक्त है. वैसे वह इन दोनों राज्यों में एक सौ से भी ज्यादा नक्सली वारदातों में शामिल रहा है. छत्तीसगढ़ में भी उसपर कई मामले दर्ज हैं.

सरेंडर करने का बाद विमल यादव मीडिया से मुखातिब हुआ. उसने कहा कि नक्सली संगठनों के पास कोई नीति नहीं बची है. उनका एकमात्र लक्ष्य अवैध वसूली करना है. उसने नक्सली संगठन से जुड़े लोगों से अपील की कि वे सिद्धांतहीन हो चुके संगठन से छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों.

विमल ने 90 के दशक में नक्सल संगठन के साथ कूरियर ब्वॉय के रूप में जुड़ा था. वर्ष 2005 में उसे संगठन में सब जोनल कमांडर और2009 में जोनल कमांडर का ओहदा दिया था. 2012 में वह नक्सलियों की सबसे निर्णायक बॉडी एसएसी का सदस्य बन गया. 2019 में माओवादियों के सबसे बड़े नेता सुधाकरनकी मौत के बाद उसे प्लाटून का चार्ज सौंप दिया गया. बता दें कि इसके पहले बीती 21 जनवरी को झारखंड पुलिस ने 10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक का भी सरेंडर कराया था. इधर, लोहरदगा में पुलिस ने नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे छिपाकर रखे गये एलएमजी, इंसास राइफल, सेमी ऑटोमेटिक राइफल, थ्री नॉट थ्री और थ्री फिफ्टीन राइफल सहित कुल 20 आधुनिक बरामद किये हैं. लोहरदगा एसपी प्रियंका मीणा ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान में यह बड़ी सफलता है.

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Published Date: February 25, 2022 7:22 PM IST