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Desi Ghee: हम भारतीयों के भोजन में देसी घी की खास जगह है. इसके बिना तो मानों खाना पूरा ही नहीं होता. बच्चे हो या बड़े, सभी इसे बड़े चाव से खाते हैं. पर हालिया शोध में ऐसी बातें सामने आई हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. इसमें बताया गया है कि किन लोगों को देसी घी का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए.
अध्ययन के नतीजों को यूएस लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है. इसे प्रकाशित कराया है प्रोफेसर हरि शर्मा, शियाओइंग झांग और चंद्रधर द्विवेदी ने. अध्ययन में विशेषज्ञ सीरम लिपिड स्तर और माइक्रोसोमल लिपिड पेरोक्सीडेशन पर घी के प्रभाव को जानने का प्रयास कर रहे थे.
इस दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि पिछले कुछ दशकों में एशियाई लोगों में कोरोनरी धमनी रोग के मामले बढ़े हैं. इसके पीछे जो मुख्य कारण हैं उनमें से एक है घी का सेवन.
विशेषज्ञों के अनुसार, घी का सेवन शरीर में सेचुरेटेड फैटी एसिड और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है. गर्म घी से कोलेस्ट्रॉल ऑक्सीकरण उत्पादों का भी स्राव होता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है.
अध्ययन चूहों पर किया गया. चूहों को घी युक्त खाद्य पदार्थ दिए गए. अध्ययन के लिए दो तरह के चूहों को लाया गया था.
चूहों का एक सेट पूरी तरह से स्वस्थ था जबकि दूसरा सेट आनुवंशिक रूप से कुछ बीमारियों वाला. वैज्ञानिकों ने पाया कि स्वस्थ सेट वाले चूहों में घी के सेवन से ज्यादा फर्क नहीं हुआ जबकि दूसरे सेट में घी खाने से चूहों के खून में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ गया.
अध्ययन के निष्कर्ष के तौर पर वैज्ञानिकों ने चताया है कि जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी हो, खास तौर पर हृदय रोग, उन्हें घी का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए.
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