
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं स्मार्टफोन्स, जानें कैसे निपटें इस समस्या से
Kids Mental Health Issues: हाल ही में एक अध्ययन सामने आया है, जिससे पता चलता है कि बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य में कमी और व्यवहार संबंधी समस्याओं के बढ़ने के पीछे स्मार्टफोन की लत जिम्मेदार है. जानते हैं कैसे करें समस्या से डील...

Mental Health and Behavioural Issues Among Kids: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights – NCPCR) जो कि बाल अधिकारों के सार्वभौमिकता पर जोर देता है, के मुताबिक, जिन बच्चों की उम्र 8 से 18 आयु वर्ग के बीच है, उनमें 20 प्रतिशत से अधिक बच्चे सोने से पहले लेटे हुए स्मार्टफोन्स का उपयोग करते हैं. 20 फीसदी संख्या ज्यादा है और इस पर विचार करना जरूरी है. बता दें कि ज्यादा मात्रा में फोन का इस्तेमाल करने से एंग्जायटी (Anxiety), नींद में कमी (sleeplessness), थकान (tiredness) आदि की समस्या हो सकती है.
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इससे पिछली साल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक और शोध जारी किया था, जिसके मुताबिक, 59.2 फीसदी बच्चे अपना फोन मैसेज करने के लिए इस्तेमाल करते हैं और 10.1 फीसदी बच्चे अपना फोन ऑनलाइन लर्निंग के लिए इस्तेमाल करते हैं. इस स्टडी का टाइटल (फिजिकल, बिहेवियर एंड साइको-सोशल) था.
बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के तरीके
- बच्चों के लिए सबसे जरूरी उनके माता-पिता और दोस्त होते हैं. ऐसे में बच्चों को बिना शर्त प्यार दें. उन्हें इस बात का एहसास करवाएं कि आपका प्यार उनकी उपलब्धियों पर निर्भर नहीं करता है.
- अपने बच्चें की तारीफ करें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें.
- कोविड के दौरान बाहर जाने से पहले सुरक्षा बरतनी जरूरी है. लेकिन बच्चों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना सिखाएं और बाहर खेलने के लिए जरूर भेजें.
- बच्चों के स्किल्स को डिवेलप करने के लिए संबंधित क्लासेस ज्वॉइन करवाएं.
- यदि बच्चों को हार का सामना करना भी पड़ा है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ाएं.
- बच्चों को घर के कामों में भी भागीदार बनाएं.
- बच्चों को अपने साथ बाहर घुमाने के लिए लेकर जाएं.
- बच्चों के साथ क्वालिटी टाइट व्यतीत करें.
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