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World Bipolar Day 2022: आज यानि 30 मार्च का दिन वर्ल्ड बाइपोलर डे के रूप में मनाया जा रहा है. यह एक मानसिक समस्या (Mental issues) है, जिसमें व्यक्ति लंबे समय तक गंभीर रह सकता है. हालांकि गंभीर रहना डिप्रेशन के लक्षणों में से भी एक है. कुछ समय पहले विराट कोहली ने भी इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने डिप्रेशन जैसी स्थिति का सामना किया है. ये वो समय था जब उनका करियर काफी खराब चल रहा था. विराट कोहली (Virat Kohli) ने यह बात इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और कमेंटर मार्क निकोलस के ऑनलाइन पॉडकॉस्ट नॉट जस्ट क्रिकेट के एक सेशन में कही थी.
विराट कोहली को 2014 में डिप्रेशन हो गया था. वे हर वक्त अकेला महसूस करते थे. ये वो समय था जब उनका करिए ठीक नहीं चल रहा था. सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान विराट कोहली ने कहा कि जब उन्हें इस स्थिति का सामना करना पड़ा तो वह खुद को पूरी दुनिया में अकेला महसूस करते थे. डिप्रेशन की समस्या तब शुरू हुई जब इंग्लैंड में अपनी बैटिंग के दौरान वे बार-बार असफल हो रहे थे. असफलता के कारण डिप्रेशन की समस्या (Depression) होने लगी. जब वे असफल हो जाते थे तो उन्हें इस बात का बुरा लगता था कि वह अपनी टीम के लिए रन नहीं बना पा रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी खिलाड़ी के जीवन में इस तरह की स्थिति आती ही होगी कि वह अपनी टीम के लिए कुछ नहीं कर पा रहा है. आगे विराट कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति इस परिस्थिति में होता है तो उसे नहीं समझ आता कि कैसे निकला जाए. मैं भी अपनी स्थितियों को बदल नहीं पा रहा था. हर वक्त अकेला महसूस करता था. पॉडकॉस्ट के दौरान विराट कोहली ने कहा कि स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में यदि किसी व्यक्ति को मेंटल हेल्थ इश्यू हो जाएं तो नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे उस व्यक्ति का करियर बुरी तरीके से प्रभावित हो सकता है.
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