इंदौर. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आम चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा ने मध्यप्रदेश के इंदौर की सियासत का तापमान बढ़ा दिया है. शुक्रवार को इंदौर में दिनभर ताई के नाम से मशहूर सुमित्रा महाजन के एलान की चर्चा होती रही. सिर्फ इंदौर ही नहीं, देश की राजधानी दिल्ली में भी इस घोषणा की गर्माहट को महसूस किया गया. देर शाम जब प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल उनसे मिलने उनके घर पहुंचीं तो सियासी हलकों में चर्चाओं और शिगूफेबाजी को और बल मिला. हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष के निजी स्टाफ ने इसे “पहले से तय शिष्टाचार भेंट” बताया. इसी बीच, कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने महाजन को भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने की पेशकश की है. Also Read - West Bengal Assembly Election: कांग्रेस का ममता बनर्जी को बड़ा ऑफर, कहा- पश्चिम बंगाल में मिलकर चुनाव लड़े TMC, बीजेपी से...
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सुमित्रा महाजन के स्थानीय कार्यालय के निजी स्टाफ के एक सदस्य ने बताया, “ताई (महाजन का लोकप्रिय नाम) और राज्यपाल की शिष्टाचार भेंट पहले से तय थी. दोनों हस्तियों के बीच कुछ देर तक बातचीत हुई.” प्रदेश के जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को ही इंदौर आ गई थीं. उन्होंने शुक्रवार सुबह शिल्पकारों से जुड़ी प्रदर्शनी का शहर के यशवंत क्लब में अवलोकन किया. इस बीच, चुनाव नहीं लड़ने के बारे में महाजन की घोषणा के बाद उनके घर स्थानीय भाजपा विधायकों और नेताओं का तांता लग गया. Also Read - कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, राहुल-प्रियंका भी हुए शामिल, कहा- पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही बीजेपी
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भाजपा की शहर इकाई के अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने कहा, “हमें भी सोशल मीडिया से जानकारी मिली कि ताई ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है. पहले-पहल हमें लगा कि यह कोई फेक न्यूज (फर्जी समाचार) है. लेकिन ताई से मिलने के बाद पुष्टि हो गई कि उन्होंने सचमुच इस तरह की घोषणा की है.” इस बीच, राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भाजपा पर वरिष्ठ नेताओं के अपमान का आरोप लगाते हुए महाजन के सामने पेशकश की कि वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो जाएं.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “बेहद दुःखद है कि महाजन द्वारा चार दशक तक भाजपा की सतत सेवा के बावजूद यह निष्ठुर पार्टी उनका टिकट काटने जा रही है. भाजपा ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सरीखे वरिष्ठ नेताओं का भी इसी तरह अपमान किया है.” शुक्ला ने कहा, “कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के सम्मान की परंपरा है. अतः हमारा ताई से आग्रह है कि वह कांग्रेस में विधिवत शामिल हो जाएं.”