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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले नरेंद्र मोदी, इस दिन लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ
एनडीए के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले.
नई दिल्ली: एनडीए के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले. राष्ट्रपति से मिलने वह राष्ट्रपति भवन पहुंचे. यहीं उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की. राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को पत्र देते हुए उन्हें शपथ ग्रहण का न्योता दिया है. बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे.
NDA की संसदीय दल की मीटिंग: PM मोदी ने कहा- एक नया युग आरंभ हुआ, हम सब इसके साक्षी
Swearing-in ceremony of Narendra Modi as the Prime Minister likely on May 30 pic.twitter.com/JxWGYAz4Wj
— ANI (@ANI) May 25, 2019
इससे पहले एनडीए के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. राष्ट्रपति को नरेंद्र मोदी के संसदीय दल का नेता चुने जाने का पत्र सौंपा गया. समर्थन का पत्र सौंपते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फिर से सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस दौरान प्रकाश सिंह बादल, सीएम नीतीश कुमार, राजनाथ सिंह, रामविलास पासवान, सुषमा स्वराज, उद्धव ठाकरे, नितिन गडकरी आदि साथ में रहे.
संसदीय दल की मीटिंग: मोदी बोले- डोनाल्ड ट्रंप को जितने वोट मिले, इस बार उससे ज़्यादा हमारे बढ़ गए
Rashtrapati Bhavan: Exercising powers vested in him under Article 75 (1) of the Constitution of India, President Ram Nath Kovind, today appointed Narendra Modi to the office of Prime Minister of India pic.twitter.com/63lfkNtzsD
— ANI (@ANI) May 25, 2019
पीएम मोदी चुने गए संसदीय दल के नेता, सांसदों ने प्रस्ताव पूरा होने पर लगाए ‘मोदी-मोदी’ के नारे
इससे पहले पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में एनडीए के नेताओं और चुने गए सांसदों की मीटिंग हुई. इस दौरान नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया. समता और ममता का वातावरण बन गया और इसने इस चुनाव को एक नई ऊंचाई दी है. और जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है और हम सब इसके साक्षी हैं. भारत के लोकतंत्र हमें समझना चाहिए. भारत का लोकतंत्र परिपक्व होते चला गया है. सत्ता भाव भारत का मतदाता स्वीकार नहीं करता है. मोदी ने कहा कि जनता ने हमें स्वीकार किया है सेवा भाव के कारण, सेवा भाव खुद में लाएंगे तो सत्ता भाव कम होता जायेगा. और जनता का प्यार बढ़ता जाएगा.
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