
खरगोन में ईद की नमाज घर पर ही अदा की जाएगी, परशुराम जयंती पर कोई भी कार्यक्रम नहीं होंगे
हिंसा प्रभावित खरगोन में रविवार को एक मई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच ढील दी जाएगी और 2 और 3 मई को पूर्ण रूप से कर्फ्यू लागू रहेगा

खरगोन: मध्य प्रदेश सरकार ने खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने ईद की नमाज घर पर ही अदा कराने का फैसला लिया है, जबकि जबकि परशुराम जयंती पर कोई भी जुलूस निकाला नहीं जाएगा.
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एडीएम सुमेर सिंह मुजाल्दा ने कहा, खरगोन में रविवार को एक मई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच ढील दी जाएगी और 2 और 3 मई को पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगाया जाएगा. परीक्षा देने वाले छात्रों को पास दिया जाएगा. अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती पर कोई भी कार्यक्रम नहीं होंगे.
MP | A complete curfew to be imposed in Khargone on May 2 & 3. Relaxation tomorrow on May 1, between 8am-5pm. Students with exams to be given passes. Eid prayers to be offered at home, there’ll be no events on Akshaya Tritiya & Parshuram Jayanti: ADM Sumer Singh Mujalda pic.twitter.com/S3LL9Q11z1
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 30, 2022
खरगोन हिंसा: एमपी सरकार ने दावा न्यायाधिकरण के लिए नियम बनाए
भोपाल, मध्य प्रदेश सरकार ने खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के संबंध में स्थापित दावा न्यायाधिकरण के कामकाज और क्षेत्राधिकार के संबंध में सार्वजनिक और निजी संपत्ति वसूली कानून के तहत नियमों को शनिवार को अधिसूचित किया. शिवराज सिंह चौहान सरकार ने खरगोन हिंसा में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के लिए सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ शिवकुमार मिश्रा की अध्यक्षता और सेवानिवृत्त सचिव प्रभात पाराशर के सदस्यता वाले दो सदस्यीय न्यायाधिकरण का गठन किया था.
पक्षकार की मृत्यु पर मुआवजे का दावा समाप्त नहीं होगा
मध्य प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली कानून के तहत नियमों की राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, कार्यवाही के किसी भी चरण में किसी भी पक्षकार की मृत्यु की दशा में मुआवजे का दावा समाप्त नहीं होगा और उसकी संपत्ति से वसूली की जा सकेगी.
तीन अधिकारियों की एक समिति भेजेगी दावा
नियमों के अनुसार प्रदेश सरकार तीन अधिकारियों की एक समिति भेजेगी और न्यायाधिकरण के अध्यक्ष न्यायाधिकरण की सहायता के लिए समिति में से दावा आयुक्त (क्लेम कमिश्नर) नियुक्त कर सकते हैं.
न्यायाधिकरण ऑन कैमरा सुनवाई के बारे में निर्णय ले सकता है
अधिसूचना में बताया गया है कि हिंदी न्यायाधिकरण के कामकाज की भाषा होगी. न्यायाधिकरण खुली (ऑन कैमरा) सुनवाई के बारे में निर्णय ले सकता है, जिसमें गवाह शपथ के तहत सबूत देगें.
दंगों के दौरान हुए नुकसान की वसूली का प्रावधान
यह कानून विरोध प्रदर्शन और दंगों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार लोगों और संगठनों से नुकसान की वसूली का प्रावधान करता है. इसे पिछले साल दिसंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश मिश्रा और सेवानिवृत्त सचिव पाराशर के दो सदस्यीय न्यायाधिकरण के तीन माह के अंदर अपना काम पूरा करने की उम्मीद है.
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