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Nathuram Godse की मूर्ति लगाने में शामिल रहे Hindu Mahasabha के नेता ने ज्‍वाइन की Congress, एमपी में सियासत गर्माई

Madhya Pradesh, Gwalior, News Update: हिंदू महासभा के नेता और ग्‍वालियर के पार्षद बाबूलाल चौरसिया पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे

Published: February 26, 2021 10:00 AM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

Nathuram Godse की मूर्ति लगाने में शामिल रहे Hindu Mahasabha के नेता ने ज्‍वाइन की Congress, एमपी में सियासत गर्माई
ग्‍वाल‍ियर के ह‍िंंदू महासभा के पार्षद बाबूलाल चौर‍िस‍िया के कांग्रेस में शाम‍िल होने के बाद स‍ियासत गर्मा गई है.

मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्‍वालियर (Gwalior) में हिंदूसभा (Hindu Mahasabha) के एक नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मध्‍य प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. दोनों पार्टियों के नेता तंज भरे बयान दे रहे हैं. बता दें कि साल 2017 में बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chaurasia) ग्‍वालियर (Gwalior) में नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की मूर्ति लगाए जाने वाले कार्यक्रम में शामिल रहे थे. अब मध्‍य प्रदेश कांग्रेस कुछ नेता ही प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष के इस कदम से नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं, बीजेपी के नेता भी टीवी डिबेट में कांग्रेस पर गांधी की विचारधारा पर हमला करने का आरोप लगाते हुए नजर आए.

दरसअल, हिंदू महासभा के नेता और पार्षद बाबूलाल चौरसिया बीते दिनों ग्‍वालियर में पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

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महासभा में रहकर नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाले बाबूलाल चौरसिया ने अपनी सफाई दी है और कहा, मैं जन्‍म से कांग्रेसी हूं. पार्टी ने मुझे नगर निगम चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया था. मुझे हिंदू महासभा को ज्‍वाइन करना पड़ा, चुनाव लड़ा और जीत भी गया. बाद में महसूस हुआ कि मैं उनकी आइडियोलॉजी में फिट नहीं हूं.

चौरसिया ने कहा, ‘2017 में मुझे धोखे में रखकर नाथराम की गोडसे की मूर्ति पर जल चढ़वाया गया था. मुझे नहीं पता था कि वो मूर्ति गोडसे की थी. बाद में पता चला कि गोडसे का मंदिर बना रहे हैं. मैं कांग्रेसी हूं, कांग्रेस में घर वापसी हुई है.’

वहीं हिंदू महासभा ने आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या बाबूलाल बच्चे हैं, जो धोखे में थे. हर कार्यक्रम में भगवा टोपी पहनकर घूमते फिरते थे. वह गोडसे मंदिर बनाने की योजना में शामिल थे.

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