
कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव में हरवाया था, एमपी के मंत्री का दावा
मध्य प्रदेश के मंत्री ओपीएस भदौरिया ने दावा किया है कि कमलनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सिंधिया को हराने की साजिश रची थी

Madhya Pradesh, MP, Jyotiraditya Scindia, Kamal Nath, Congress, Bjp, Politics भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंत्री ओपीएस भदौरिया (minister OPS Bhadauria) ने शनिवार को दावा किया कि प्रदेश कांग्रेस (Congress) प्रमुख कमलनाथ (Kamal Nath) ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने तत्कालीन पार्टी सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को गुना से हराने की साजिश रची थी.
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बता दें कि सिंधिया को 2019 के आम चुनावों में भाजपा के केपी यादव ने गुना लोकसभा सीट से सवा लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था. बाद में कमलनाथ से मतभेदों के चलते सिंधिया 2020 में अपने समर्थकों सहित बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिससे बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी.
मंत्री भदौरिया बोले- कांग्रेस सिंधिया जी से डरती है
हालांकि, प्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक मंत्री भदौरिया के दावे को खारिज कर दिया और कहा सिंधिया अपने सामंती अहंकार के कारण हारे थे. शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शहरी प्रशासन राज्य मंत्री भदौरिया ने शनिवार को ग्वालियर में मीडियाकर्मियों से कहा, कांग्रेस सिंधिया जी से डरती है. कांग्रेस दहशत में है. कमलनाथ ने सिंधिया जी को हराने की साजिश रची (2019 के लोकसभा चुनाव में) क्योंकि वह कमलनाथ के लिए एक बड़ी चुनौती थे.
कमलनाथ बोले- कुछ नहीं कहना चाहता हूं, यह बीजेपी का आंतरिक मामला
इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया, ”उस समय भाजपा उम्मीदवार ने उन्हें (सिंधिया को) हराया था. इसलिए यह भाजपा का आंतरिक मामला है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता.
कमलनाथ भोपाल में बैठकर सिंधिया को कैसे हरा सकते हैं: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल किया कि भदौरिया पिछले तीन साल से इस मुद्दे पर चुप क्यों रहे. उन्होंने सिंधिया का मजाक उड़ाया और कहा कि सिंधिया यह दावा करने के बावजूद हार गए कि उनके परिवार का गुना के लोगों के साथ 300 सालों का संबंध है. सलूजा ने आगे पूछा कि अगर क्षेत्र और वहां के लोगों से गहरे जुड़ाव का यह दावा सही है तो कमलनाथ राजधानी भोपाल में बैठकर सिंधिया को कैसे हरा सकते हैं.
सिंधिया ‘सामंती अहंकार’ के कारण हार गए: कांग्रेस प्रवक्ता
सलूजा ने कहा, सिंधिया ‘सामंती अहंकार’ के कारण हार गए. मंत्री (भदौरिया) इस तरह का बयान देकर मतदाताओं के साथ साथ गुना से भाजपा के लोकसभा सांसद केपी यादव का भी अपमान कर रहे हैं.
सिंधिया के समर्थक ने ही उन्हें हराया था
बता दें कि कभी सिंधिया के समर्थक रहे यादव ने भाजपा में शामिल होने के बाद 2019 के आम चुनावों में ग्वालियर के शाही वंशज सिंधिया को हराया था.
सिंधिया 22 समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे
सिंधिया स्वयं मार्च 2020 में अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का पतन हुआ और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा वापस सत्ता में आई. (इनपुट: भाषा)
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