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सिंधिया राजघराने के 100 करोड़ के जेवरात से हुआ राधा-कृष्ण का श्रृंगार, ग्वालियर के मंदिर की सुरक्षा में तैनात किए गए जवान

मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि जेवरात में मोतियों की जगह हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम लगे हैं.

Published: August 30, 2021 4:24 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

krishna janmashtami 2021
krishna janmashtami 2021

krishna janmashtami 2021 मध्यप्रदेश के ग्वालियर का गोपाल मंदिर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर सभी के आकर्षण का केंद होता है, क्योंकि इस मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं का लगभग सौ करोड़ के हीरे, सोनी और चांदी के जेवरात से श्रृंगार किया जाता है. इतना ही नहीं इस मंदिर की सुरक्षा में बड़ी संख्या में सुरक्षा जवानों की तैनाती होती है. ग्वालियर के फूलबाग क्षेत्र में है गोपाल मंदिर, सिंधिया राजवंश ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. 1921 में सिंधिया रियासत के तत्कालीन महाराज माधौराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और भगवान राधा कृष्ण के लिए सिंधिया परिवार ने गहने बनवाए थे. आजादी के पहले तक इस मंदिर की देख-रेख सिंधिया रियासत के लोग करते थे. आजादी के बाद सिंधिया राजवंश ने गहने भारत सरकार को सौंप दिए थे. नगर निगम ने इन गहनों को बैंक लॉकर में रखवा दिया था.

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मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि जेवरात में मोतियों की जगह हीरे, पन्ना, माणिक, पुखराज, नीलम लगे हैं. कीमत 100 करोड़ रुपए (एक अरब) के लगभग बताई जाती है. जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर की साजसज्जा के साथ मूर्तियों का विषेष श्रृंगार जेवरात से ही किया जाता है. इन जेवरात को बैंक के लॉकर से भारी सुरक्षा के बीच लाया गया है और श्रृंगार हो रहा है.

बताते है कि सिंधिया राजघराने के जेवरात जो आजादी के बाद सरकार को सौंपे गए थे, वे बैंक के लॉकर में थे. इन जेवरात से सजावट का क्रम वर्ष 2007 से शुरू हुआ. तभी से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण 100 करोड़ से ज्यादा के गहने पहनाए जाने लगे. इस दिन यहां खास सुरक्षा के इंतजाम रखे जाते हैं.

भगवान कृष्ण को जो जेवरात पहनाए जाते हैं उनमें सोने का मुकुट होता है, जिसमें (पंख) पुखराज, माणिक जड़ाऊ व बीच में पन्ना लगा है. मुकुट के पीछे कलंगी में बेशकीमत मोती, नग लगे हैं. इसके साथ ही दोनों कानों में पन्ना लगे झुमके पहनाए जाते हैं. सोने के कड़े के साथ ही सात लड़ी का हार, जिसमें 62 मोती, 55 पन्ना और हीरे होते हैं.

इसी तरह राधा जी का भी विशेष श्रृंगार किया जाता है. उनके लिए 23 कैरेट सोने का राधा रानी का मुकुट है, जिसमें बेशकीमती नग लगा है. सोने की नथ, 249 सफेद मोतियों से जड़ित पांच लड़ी का हार गले में होता है.

जन्माष्टमी के मौके पर भगवान का श्रृंगार किया गया है. जन्मोत्सव के बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे. मंदिर में जवानों और अफसरों की सुरक्षा के अलावा सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी.

(इनपुट आईएएनएस)

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Published Date: August 30, 2021 4:24 PM IST