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मप्र: NOTA ने लगाया कांग्रेस-भाजपा की किस्मत में अड़ंगा! 1.5 प्रतिशत वोटर्स ने सभी प्रत्याशियों को खारिज किया

पांच राज्यों में NOTA के विकल्प को मतदाताओं ने तमाम क्षेत्रीय दलों से ज्यादा तरजीह दी है.

Updated: December 11, 2018 10:46 PM IST

By Aditya N. Pujan

मप्र: NOTA ने लगाया कांग्रेस-भाजपा की किस्मत में अड़ंगा! 1.5 प्रतिशत वोटर्स ने सभी प्रत्याशियों को खारिज किया
Madhya Pradesh Assembly Election 2018

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद नजदीकी रहे हैं. राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा की सीटों की संख्या के बीच बड़ा अंतर है, लेकिन कांग्रेस बहुमत के करीब पहुंचकर ही अटक गई. मध्यप्रदेश में तो मंगलवार रात 10 बजे तक यह स्पष्ट नहीं था कि कांग्रेस और भाजपा में से किसे ज्यादा सीटें मिलेंगी. इसका बड़ा कारण NOTA है जिसे राजस्थान में 1.3 फीसदी और मध्यप्रदेश में 1.5 फीसदी मतदाताओं ने चुना. कम से कम मध्यप्रदेश में यह दोनों पार्टियों की किस्मत में बड़ा बदलाव ला सकता था, क्योंकि राज्य में भाजपा को अब तक 41.1 फीसदी और कांग्रेस को 41 फीसदी वोट मिले हैं.

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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिये मंगलवार को हुई मतगणना में सभी उम्मीदवारों को खारिज करने (NOTA) के विकल्प को मतदाताओं ने तमाम क्षेत्रीय दलों से ज्यादा तरजीह दी है. आयोग द्वारा जारी चुनाव परिणाम से जुड़ी जानकारी के मुताबिक देर शाम तक की मतगणना के आधार पर छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक 2.1 प्रतिशत वोट नोटा के खाते में गए. मिजोरम में NOTA का प्रतिशत सबसे कम (0.5 प्रतिशत) दर्ज किया गया.

चुनाव वाले राज्यों में NOTA का मत प्रतिशत आप और सपा सहित अन्य क्षेत्रीय दलों से अधिक दर्ज किया गया. छत्तीसगढ़ की 90 में से 85 सीटों पर चुनाव लड़ रही आप को 0.9 प्रतिशत, सपा और राकांपा को 0.2 तथा भाकपा को 0.3 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, राज्य के 2.1 प्रतिशत मतदाताओं ने NOTA को अपनी पसंद बनाया.

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मध्य प्रदेश में 1.5 प्रतिशत मतदाताओं ने NOTA को अपनाया जबकि सपा को राज्य में एक और आप को 0.7 प्रतिशत वोट मिल सके. इसी तरह राजस्थान में माकपा को 1.3 प्रतिशत और सपा को 0.2 प्रतिशत मिले मतों की तुलना में राज्य के 1.3 प्रतिशत मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को नकारते हुए NOTA को अपनाया. कमोबेश यही स्थिति तेलंगाना में भी देखने को मिली. राज्य में माकपा और भाकपा को 0.4 प्रतिशत और राकांपा को महज 0.2 प्रतिशत मत से संतोष करना पड़ा जबकि NOTA के खाते में 1.1 प्रतिशत मत पड़े.

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राजस्थान और मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा एवं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. स्पष्ट है कि NOTA को इतनी अधिक संख्या में मतदताओं द्वारा अपनाए जाने से मुकाबला रोचक हो गया.

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Published Date: December 11, 2018 10:23 PM IST

Updated Date: December 11, 2018 10:46 PM IST