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MP: पुलिस थाने में प्रदर्शनकारियों के कपड़े उतरवाने के मामले में मानव अधिकार आयोग ने मांगा जवाब

Madhya Pradesh के सीधी जिले की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक पत्रकार सहित आठ लोगों को हिरासत में लेकर लॉकअप में कपड़े उतरवाने का मामला

Published: April 8, 2022 11:55 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फोटो-आईएएनएस)

भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी जिले की पुलिस द्वारा एक नाट्य कलाकार की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक पत्रकार सहित आठ व्यक्तियों को हिरासत में लेकर लॉकअप में केवल चड्डी छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतारने के लिए मजबूर करने के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ( Madhya PradeshHuman Rights Commission) ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक (DGP) और रीवा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) से एक सप्ताह में जवाब मांगा. बता दें कि शुक्रवार को ही इस मामले में आरोपी एसएच और एक पुलिस इंस्‍पेक्‍टर को सस्‍पेंड कर दिया गया है.

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आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि सीधी जिला मुख्यालय की कोतवाली थाना पुलिस ने दो अप्रैल 2022 को आठ लोगों के न केवल कपड़े उतरवाए, बल्कि उनके अर्धनग्न फोटो सोशल मीडिया पर वायरल भी करवा दिए. उन्होंने कहा, इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मध्यप्रदेश के डीजीपी और आईजी रीवा से एक सप्ताह में जवाब मांगा है.

बता दें कि सीधी जिला रीवा संभाग में आता है. दरअसल, इंद्रावती नाट्य समिति के संचालक एवं नाट्य कलाकार नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी के विरोध में नाट्य कलाकारों ने दो अप्रैल को सीधी जिले की कोतवाली थाने के समक्ष शासन के खिलाफ नारेबाजी की थी. शांति भंग की संभावना को देखते हुये इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में लिया गया था. बाद में एक पत्रकार सहित आठ व्यक्तियों को लॉकअप में केवल चड्डी छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतारने के लिए कथित रूप से बाध्य कर दिया था.

लॉकअप में केवल चड्डी पहने इनकी फोटो वायरल होने के बाद प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दो पुलिस अधिकारियों कोतवाली थाना प्रभारी मनोज सोनी एवं घटना के वक्त कोतवाली थाने में मौजूद अमिलिया पुलिस थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार को गुरुवार रात को लाइन हाजिर कर दिया और पूरे मामले की जांच सीधी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंपी है.

निलंबित होने से पहले कोतवाली थाना प्रभारी (निरीक्षक) सोनी ने बताया था कि सोशल मीडिया फेसबुक में लंबे अर्से से अनुराग मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल एवं उनके परिजनों के विरुद्ध अमर्यादित पोस्ट व टिप्पणी की जा रही थी। विधायक के पुत्र गुरुदत्त शरण शुक्ल ने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस एवं पुलिस अधीक्षक से की थी. बाद में जांच में पता चला कि नीरज कुंदेर इन्हें भेज रहा था.

सोनी ने कहा था कि कुंदेर के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, आईटी एक्ट एवं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत मामला दर्ज कर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट गोपद बनास के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे जेल भेज दिया. सोनी ने बताया था कि नाट्य कलाकार कुंदेर की गिरफ्तारी के विरोध में नाट्य कलाकारों ने दो अप्रैल की देर शाम कोतवाली पुलिस थाने के समक्ष अवैध रूप से जमावड़ा लगाकर विधायक शुक्ल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नारेबाजी की.

थाना प्रभारी ने कहा था कि शांति भंग की संभावना को देखते हुए प्रदर्शनकारी कनिष्क तिवारी (यूट्यूब पत्रकार) सहित 30 लोगों के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई. इन लोगों ने बिना अनुमति लिए यह प्रदर्शन किया था, इसलिए हिरासत में लेने के बाद तीन अप्रैल को छोड़ दिया गया था.

हालांकि, एसएचओ सोनी ने पत्रकार कनिष्क तिवारी सहित इन लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने को इनकार दिया था. सोशल मीडिया में वायरल अर्धनग्न तस्वीरों बावत उन्होंने कहा था कि लॉकअप में निरुद्ध लोग किसी तरह से अपनी हानि न करने पाए, ऐसा सुरक्षा की दृष्टि से किया गया था, क्योंकि पूर्व में पुलिस हिरासत में आरोपी बेल्ट, पैंट, पायजामा और धोती से फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या को अंजाम दे चुके हैं. (इनपुट: भाषा)

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