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MP में TET का पेपर-आंसर शीट वायरल होने के बाद व्‍यापमं घोटाला सुर्खियों में, सियासत तेज हुई

मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने पर एक बार फिर बहुचर्चित व्यापमं घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है

Published: March 30, 2022 5:35 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फाइल फोटो)

भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने पर एक बार फिर बहुचर्चित व्यापमं घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है. इससे सियासत में भी हलचल मच गई है. विपक्षी दल कांग्रेस सत्‍तारूढ़ सरकार को घेरने में जुटा है तो सरकार को अपने बचाव में जुट गई है. राज्य में व्यवसायिक परीक्षा मंडल (Vyapam) परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों के देशभर में सुर्खियों में रहा है और इसका नाम पहले प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (Professional Examination Board) किया गया और उसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड (MP Staff Selection Board) नाम से इसे पहचाना जा रहा है. नाम तो बदलते गए हैं, लेकिन गड़बड़ियां इसका पीछा नहीं छोड़ रहीं हैं.

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एमपी में ताजा मामला प्राथमिक शिक्षकों की पात्रता परीक्षा से जुड़ा हुआ है. इस पात्रता परीक्षा का प्रश्न पत्र और आंसर शीट मोबाइल पर वायरल हुई, उसके स्क्रीनशॉट भी लोगों तक पहुंचे. इस मामले ने मामले ने तूल पकड़ा और कांग्रेस ने पर मुख्यमंत्री सचिवालय के उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर आरोप लगाए. कांग्रेस ने यहां तक दावा कि जिस मोबाइल का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह मरकाम का ही है. इस पर डिप्‍टी सेक्रेट्री मरकाम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा और डॉ आनंद राय के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया. यही नहीं दोनों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज कराया गया है.

प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा और आंसर शीट मोबाइल पर वायरल होने का मामला जोरों पर ही था, इसी दौरान बोर्ड की वेबसाइट से आंसर शीट को हटा देना की चर्चाओं ने जोर पकड़ा और एक पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा है, डर अच्छा है व्यापमं ने 4 घंटे में ही वेबसाइट से वर्ग तीन की आंसर शीट हटा ली है, सरकार को अब पूरी परीक्षा रद्द कर देना चाहिए और इसकी जांच को सीबीआई को सौंप देना चाहिए.

एक तरफ जहां पात्रता परीक्षा का मामला जोर पकड़े हुए था तो वहीं दूसरी ओर पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के मामले में तूल पकड़ा. इस परीक्षा में पात्र और अपात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई, जिसमें कई तरह की विसंगतियां होने की बात कही गई. इस मामले के सियासी रंग लेने पर राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जांच मैप आईटी के सहयोग से कराए जाने का ऐलान किया. आरोप यह है कि कम अंक वालों को पात्र घोषित कर दिया गया है, जबकि अधिक अंक पाने वालों को अपात्र किया गया है.

इन दोनों मामलों ने एक बार फिर व्यापम को सुर्खियों में ला दिया है. व्यापम (अब कर्मचारी चयन बोर्ड) चतुर्थ और तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के साथ विभिन्न शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की परीक्षाएं आयोजित करता है. व्यापमं साल 2013 में तब चर्चा में आया था, जब पीएमटी की परीक्षा में बड़े पैमाने में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था. इस मामले ने देशव्यापी सुर्खियां बटोरी थी और यह प्रकरण एसआईटी के बाद सीबीआई तक पहुंचा. इस मामले में कई प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता घेरे में आए, कई को तो जेल तक जाना पड़ा. इतना ही नहीं इस मामले से जुड़े लगभग 100 लोगों की मौत ने भी खूब सुर्खियां बटोरी. अब एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है और सियासी जोर भी पकड़ रहा है. (आईएएनएस)

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