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Hijab Controversy in MP: यूनिवर्सिटी में हिजाब पहने लड़की नमाज पढ़ते हुए Video में आई नजर, मामला गर्माया

मध्‍य प्रदेश के डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में हिजाब पहने लड़की का नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के बाद जांच के आदेश

Published: March 26, 2022 5:14 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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एमपी के सागर में यून‍िवर्स‍िटी में एक छात्रा क्‍लास में ह‍िजाब पहने हुए नमाज पढ़ते हुए एक वीड‍ियो में नजर आई है.

Hijab Controversy, सागर: देश के दक्षिण राज्‍य कर्नाटक (Karnataka) से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) अब मध्य प्रदेश (MP ) में पहुंच गया है. मध्‍य प्रदेश के सागर में डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी (Dr. Harisingh Gour University) की एक क्‍लास में मुस्लिम लड़की के हिजाब पहनने और कथित तौर पर नमाज पढ़ने का वीडियो आने के बाद मामला सुर्खियों में छाया हुआ है. इस मामले में शिकायत आने के बाद डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कक्षा में एक मुस्लिम लड़की के हिजाब पहनने और कथित तौर पर नमाज पढ़ने का वीडियो सामने आने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस मामले में एक दक्षिणपंथी संगठन ने शिकायत की है. डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय (एचजीयू) के रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा ने बताया कि घटना के वीडियो क्लिप के साथ हिंदू जागरण मंच द्वारा विश्वविद्यालय को कार्रवाई की मांग वाला एक ज्ञापन सौंपा है.

रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा ने कहा, ”इस मामले को देखने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति तीन दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी और इस रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.” एचजीयू के मीडिया अधिकारी विवेक जायसवाल ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान परिसर में छात्रों के लिए कोई औपचारिक ड्रेस कोड नहीं है, लेकिन छात्रों को बुनियादी नैतिक पहनावे के साथ कक्षाओं में शामिल होना चाहिए.

हिंदू जागरण मंच की सागर इकाई के अध्यक्ष उमेश सराफ ने बताया कि वीडियो में दिख रही लड़की लंबे समय से हिजाब पहनकर व्याख्यान में भाग ले रही थी. उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में इस तरह की धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

उमेश ने कहा, ”वह लंबे समय से हिजाब में आ रही थीं, लेकिन शुक्रवार दोपहर को उसे कक्षा के अंदर नमाज पढ़ते देखा गया. यह आपत्तिजनक है, क्योंकि शिक्षण संस्थान में हर धर्म के लोग आते हैं.” उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक शिकायत कुलपति और रजिस्ट्रार को सौंपी गई है.

बता दें कि कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को कक्षाओं के अंदर हिजाब या हेड स्कार्फ पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. (इनपुट भाषा)

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