
OBC Reservation: निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, गरमाई मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की राजनीति
OBC Reservation in MP/Maharashtra: ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में होने वाली है. 17 फरवरी यानी आज इस बाबत अहम सुनवाई है. महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण (OBC Political Reservation) के बिना ही नगर पंचायत के चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं.

OBC Reservation in MP/Maharashtra: ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में होने वाली है. 17 फरवरी यानी आज इस बाबत अहम सुनवाई है. महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण (OBC Political Reservation) के बिना ही नगर पंचायत के चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहे टिकी हुई है. नगर पंचायत (Local body election) के चुनाव के लिए कल मतदान होने वाला है. इस बाबत महाराष्ट्र सरकार आज सुप्रीम कोर्ट में राजनीतिक आरक्षण के पक्ष में दलील पेश करेगी. वहीं मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बगैर स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं कराए गए हैं. इस हबाबत केंद्र सरकार कोर्ट के सामने दलील पेश करने वाली है.
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क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों के चुनाव में ओबीसी आरक्षण के खत्म कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने निर्देशित किया है कि किसी भी हाल में आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है. इसके अलावा कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के दावे के पक्ष में राज्य को इम्पीरिकल डेटा एकत्र करने का निर्देश दिया है. इस डेटा से यह साफ हो जाएगा कि किसी भी राज्य में किसी जाति को क्यों पिछड़ी जाति मानी जाए. इससे यह पता लगेगा कि पिछड़ी जाति की असल तादाद कितनी है. इस डेटा को एकत्र करने के लिए राज्य सरकार द्वारा समय की मांग की जा रही है. दूसरी तरफ केंद्री की ओर से जातीय जनगणना पर रोक लगा दी गई है. यानी जबतक इम्पीरिकल डेटा जुटाए नहीं जाते, तब तक किसी भी आबादी को राजनीतिक रूप से पिछड़ा वर्ग कैसे मान लिया जाएगा.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र चुनाव चुनाव कराने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार को इम्पीरिकल डेटा इकट्ठा करने को कहा था. महाराष्ट्र सरकार इस बाबत एकत्र की गई जानकारियों को आज सुप्रीम कोर्ट में पेश करने वाली है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण को खत्म करने के बाद चुनाव आयोग को खाली पड़ी सीटों पर चुनाव कराने का आदेश दिया गया है. लेकिन इन सीटों पर ओपन कैटेगरी से चुनाव करवाने का निर्देश दिया गया था. हालांकि इस फैसले राजनीतिक पार्टियों को ओबीसी मतदाताओं के नाराजगी का डर था. इस बाबत अलग अलग राजनीतिक पार्टियों द्वारा ऐसा फैसला लिया गया है कि जबतक रद्द किया गया आरक्षण फिर से बहाल नहीं किया जाता, तहब तक चुनाव में सभी उम्मीदवार ओबीसी वर्ग के ही उतारे जाएंगे. इस बीच मध्य प्रदेश में कल मतदान होने वाला है और इस बाबत आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सनाने वाला है. इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है.
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