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मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को हत्या के प्रयास के मामले में भाजपा विधायक नितेश राणे को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. हालांकि, सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. सिंधुदुर्ग की एक अदालत ने शुक्रवार को कुछ राहत देते हुए भाजपा विधायक नितेश राणे और उनके सहयोगी राकेश परब को उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश को दो दिन की पुलिस हिरासत के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरबी रोटे के समक्ष पेश किया गया. उन्होंने 2 फरवरी को अदालत में समर्पण किया था. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग की पुलिस हत्या के प्रयास के एक मामले में आरोपी बीजेपी विधायक नितेश राणे को बृहस्पतिवार को गोवा लेकर गई थी. राणे को सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया था, जहां उनके विरुद्ध मामला दर्ज है.
विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने यह कहकर उनका 6 दिन का पुलिस रिमांड मांगा कि जांच जारी है और पुलिस पूछताछ के दौरान सामने आए तथ्यों की पुष्टि करना चाहती है. लेकिन अदालत ने पुलिस की याचिका खारिज करते हुए नितेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद उनके वकील संग्राम देसाई ने भाजपा विधायक के लिए जमानत का आग्रह करते हुए याचिका दायर की जिस पर संभवत: शनिवार को सुनवाई होगी.
अभियोजक घरात ने बताया कि सीने में दर्द की शिकायत के बाद राणे को बाद में अस्पताल ले जाया गया. मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है.
राणे परिवार के गढ़ कंकावली कस्बे में दिसंबर 2018 में शिवसेना कार्यकर्ता संतोष एम. परब पर जानलेवा हमले के मामले में अब तक नितेश राणे समेत कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बता दें कि भाजपा विधायक नितेश राणे ने कथित हत्या के प्रयास मामले में बुधवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की अदालत में आत्मसमर्पण किया था. अदालत ने उन्हें चार फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश ने इसके पहले दिन में बंबई उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी.
यह मामला सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर कथित हमले से संबंधित है. भाजपा विधायक ने दावा किया कि उन्हें सत्तारूढ़ शिवसेना (जो महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन सरकार का नेतृत्व करती है) द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि पिछले महीने राज्य विधानमंडल परिसर के बाहर मजाक करने की घटना उसे तुच्छ लगी. शिवसेना के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि 23 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नितेश राणे ने शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे का मजाक उड़ाने के लिए ‘म्याऊ म्याऊ’ किया था. इसके पहले गिरफ्तारी से पूर्व जमानत पाने की राणे की याचिक निचली अदालत और उच्च न्यायालय, दोनों जगह खारिज हो चुकी थी. इसके बाद उन्होंने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी. इस पर शीर्ष अदालत ने 27 जनवरी को महाराष्ट्र पुलिस से कहा था कि वह उन्हें 10 दिनों तक गिरफ्तार नहीं करे, लेकिन राणे को भी अदालत के समक्ष हाजिर होने और नियमति जमानत लेने का निर्देश दिया था.
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