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बाप ने 17 साल की बेटी तांत्रिक को ‘दान’ की थी, हाईकोर्ट ने कहा, बेटी को संपत्ति नहीं, जिसे दान में दिया जाए

बॉम्‍बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक व्यक्ति द्वारा अपनी 17-वर्षीया बेटी को तांत्रिक को 'दान' करने के मामले में कड़ी आपत्ति करते हुए कहा है कि लड़की कोई संपत्ति नहीं, जिसे दान में दिया जाए

Published: January 28, 2022 7:30 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Laxmi Narayan Tiwari

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(फाइल फोटो)

मुंबई: बॉम्‍बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक व्यक्ति द्वारा अपनी 17-वर्षीया बेटी को तांत्रिक को ‘दान’ करने के मामले में कड़ी आपत्ति करते हुए कहा है कि लड़की कोई संपत्ति नहीं, जिसे दान में दिया जाए. कोर्ट ने इसे परेशान करने वाला तथ्य बताया और कहा, लड़की कोई संपत्ति नहीं होती, जिसे दान में दिया जा सके. अदालत ने कहा कि वह लड़की के भविष्य को लेकर चिंतित है और अपनी आंखें नहीं बंद रख सकती.

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न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी की एकल पीठ ने यह टिप्पणी इस माह के शुरू में तांत्रिक शंकेश्वर ढाकने और उसके शिष्य सोपान ढाकने की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान की। दोनों को नाबालिग लड़की के साथ कथित दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

दोनों अभियुक्त जालना जिले के बदनापुर स्थित मंदिर में इस लड़की और उसके पिता के साथ रहते थे. लड़की ने अगस्त 2021 में दोनों के खिलाफ बलात्कार के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

न्यायमूर्ति कंकनवाड़ी ने अपने आदेश में अभियोजन के मामले का संज्ञान लिया कि 2018 में 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर लड़की के पिता और ढाकने के बीच अपने तरह का दानपत्र का निष्पादन किया गया था.

अदालत ने अपने आदेश में कहा है, ”यह कहा गया है कि आदमी ने अपनी बेटी का दान बाबा को दे दिया था और यह भी कहा गया है कि यह ‘कन्यादान’ भगवान के समक्ष किया गया है. लड़की के खुद के बयान के अनुसार वह नाबालिग है, फिर उसके पिता ने उस लड़की का ‘दान’ क्यों कर दिया, जबकि वह व्यक्ति खुद उसका अभिभावक है.”

न्यायमूर्ति कंकनवाड़ी ने इसे परेशान करने वाला तथ्य बताया और कहा, लड़की कोई संपत्ति नहीं होती, जिसे दान में दिया जा सके. अदालत ने कहा कि वह लड़की के भविष्य को लेकर चिंतित है और अपनी आंखें नहीं बंद रख सकती.

अदालत ने बाल कल्याण समिति को इस संबंध में जांच करने और अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए कहा, यह लड़की के भविष्य के मद्देनजर है और उसे (लड़की को) किसी गैर-कानूनी गतिविधियों में नहीं शामिल किया जाना चाहिए.

अदालत ने 25-25 हजार रुपए के जमानती बांड की शर्त पर दोनों की जमानत मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई चार फरवरी निर्धारित की है. (इनपुट: भाषा)

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Published Date: January 28, 2022 7:30 PM IST