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नासिक: यहां 15,000 से अधिक किसानों ने एक ‘वाहन मार्च’ शुरू किया. तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ निकाले गए इस मार्च में ट्रक, टेम्पो, ऑटो और अन्य वाहन शामिल हैं. यह मार्च तीन दिन में देश की वाणिज्यिक राजधानी पहुंचेगी. अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के अध्यक्ष डॉ. अशोक धवले ने कहा कि यह वाहन मार्च नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर निकाला गया है. मुंबई के रास्ते में कई और किसान मार्च में शामिल होंगे.
उन्होंने एआईकेएस के उपाध्यक्ष डी.एल. कराड, एआईडीडब्ल्यूए के महासचिव मरियम धवले, एआईकेएस के राज्य प्रमुख किसान गुजर और महासचिव डॉ. अजीत नवाले के अलावा, सीपीआई (एम) के विधायक विनोद निकोल, सुनील मालूसरे, प्रीति शेखर और कविता वारे जैसे अन्य नेताओं ने गोल्फ क्लब मैदान में एक विशाल रैली को संबोधित किया.
डॉ. धवले ने कहा, “यह मार्च दिल्ली में दो महीने से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में निकाला गया है. हम केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लगाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने और अन्य संबंधित मुद्दों का हल निकाले जाने की मांग भी करते हैं.” वाहन मार्च इगतपुरी के पास एक रात का ठहराव लेगा और रविवार की सुबह लंबे जुलूस को फिर से आगे बढ़ाते हुए मुंबई तक ले जाने का कार्यक्रम है.
किसानों को सौम्य किसान मोर्चा (एसकेएम) की छत्रछाया में 100 से अधिक संगठनों के प्रति निष्ठा है, जिन्होंने 23-26 जनवरी के बीच किसान आंदोलन को देशव्यापी बनाने का आह्वान किया है, जिसमें सभी राज्यों में राजभवन तक रैलियां निकालना भी शामिल है. डॉ. धवले ने कहा कि रविवार से हजारों किसान मुंबई के आजाद मैदान में 3-दिवसीय धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसमें ‘वाहन मार्च’ भी शामिल होगा.
यहां 25 जनवरी को एक सार्वजनिक रैली आयोजित की जाएगी, जिसे एआईकेएस व एसकेएम के शीर्ष नेता और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाडी के सहयोगी – शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस और अन्य गैर-भाजपा राजनीतिक दलों के नेता संबोधित करेंगे.
रैली को संबोधित करने वालों में डॉ. धवले, एसकेएम के हन्नान मुल्ला, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, शिवसेना नेता व मंत्री आदित्य ठाकरे और अन्य राजनीतिक नेता शामिल हैं. उसी दिन दोपहर में जुलूस निकलेगा, जो राजभवन तक जाएगा और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपेगा.
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