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मुंबई: महाराष्ट्र ( Maharashtra) में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ( Chief Minister Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया, लेकिन इसके कैबिनेट विस्तार (cabinet expansion)के अभी कोई संकेत नहीं हैं. ऐसे में वर्तमान में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ही कैबिनेट के सदस्य हैं. कैबिनेट विस्तार में देरी के कारण विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.
शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना (Shiv Sena) नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता(BJP leader ) देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) पद की शपथ ली. 40 विधायकों के अलावा पार्टी के 19 में से 12 लोकसभा सदस्यों ने भी शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है. सांसदों के अलग हुए समूह को लोकसभा अध्यक्ष ने मान्यता दी है, लेकिन शिवसेना ने मांग की है कि अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर दें.
कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘यह राज्य के इतिहास में पहली बार है कि दो सदस्यों का एक विशाल मंत्रिमंडल बाढ़, कुछ स्थानों पर बारिश की कमी और अन्य मामलों को संभाल रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘किसी राजनीतिक दल के लिए कभी इतनी दयनीय स्थिति नहीं रही कि वह एक महीने में किसी राज्य में पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं बना पाया हो. इसके लिए भाजपा की अति महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’
शिंदे धड़ के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में जिला संरक्षक मंत्री बनने में अधिक रुचि रखते हैं. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा, ‘लंबे समय के बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है,जो लोगों के लिए 24 घंटे उपलब्ध है.’
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा, ‘पिछले एक महीने से कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है. इससे पहले कभी भी महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को इस तरह से कम नहीं किया गया. राज्य के सम्मान से समझौता किया गया. शिंदे और फडणवीस द्वारा ली गई शपथ अवैध है.’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई सहित कुछ भी हो सकता है.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक महीने बाद भी कैबिनेट बनाने में असमर्थता से पता चलता है कि राज्य में राजनीतिक स्थिति अब भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘राज्य के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और चूंकि कोई कैबिनेट मंत्री और संरक्षक मंत्री नहीं हैं, इसलिए लोगों की समस्याओं की उपेक्षा हो रही है. महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है.’
बता दें कि सत्ता में आने के बाद शिंदे सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. दो सप्ताह पहले फडणवीस ने कहा था कि परियोजना में तेजी लाने के लिए सभी मंजूरी दे दी गई है. (इनपुट भाषा)
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