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Kisan Andolan: मुंबई रैली में गरजे शरद पवार, पीएम मोदी से पूछा, क्या ये किसान पाकिस्तान के हैं?

किसानों के विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए केंद्र को विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की चेतावनी दी.

Published: January 25, 2021 3:44 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Amit Kumar

NCP chief Sharad Pawar
NCP chief Sharad Pawar

farmers protest: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में किसानों की मेगा रैली हुई. इस रैली में शामिल होने के लिए रविवार शाम तक महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में किसान मुंबई पहुंची. किसानों की रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में किसानों के विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए केंद्र को विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की चेतावनी दी.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में किसानों के समर्थन में मुंबई में किसानों की रैली को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “ठंड के मौसम में, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले 60 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. क्या पीएम ने उनका हालचाल पूछा? क्या ये किसान पाकिस्तान के हैं?”

उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी जमकर निशाना साधा. पवार ने कहा, “आप (किसानों का प्रतिनिधि मंडल) राज्यपाल से मिलने राजभवन जा रहे हैं. महाराष्ट्र ने ऐसा राज्यपाल पहले कभी नहीं देखा है. उनके पास कंगना (रनौत) से मिलने का समय है लेकिन किसानों के लिए नहीं. यहां आने और आपसे मिलने के लिए राज्यपाल की नैतिक जिम्मेदारी थी.”

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम लिए बिना पवार ने कहा कि किसान आज आजाद मैदान की रैली के बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन जाने की योजना बना रहे हैं.

पवार ने आजाद मैदान पर किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हालांकि, अब मुझे बताया गया है कि वह (राज्यपाल) गोवा चले गए हैं. राज्य के पूरे इतिहास में ऐसा राज्यपाल कभी नहीं रहा है. उनके पास कंगना से मिलने का समय तो है, लेकिन हमारे किसान भाई, जो पूरे राज्य से यहां आए हैं, उनसे मिलने का समय नहीं है.”

राकांपा प्रमुख ने कहा कि यह राज्यपाल का नैतिक कर्तव्य है कि वे कम से कम यहां रहें और राज्य के लोगों से मिलें, जो ‘अन्नदाता’ हैं. पवार की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है, जब संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा के नेता राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने वाले हैं और पवार को सूचित किया गया है कि राज्यपाल राज्य में नहीं हैं और वह कथित तौर पर गोवा चले गए हैं.

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