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वरवर राव महामारी, उम्र की आड़ में जमानत मांग रहे हैं : एनआईए

एनआईए ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी वरवर राव का स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगना महज एक चाल है.

Published: July 23, 2020 1:05 PM IST

By Press Trust of India | Edited by Santosh Singh

वरवर राव महामारी, उम्र की आड़ में जमानत मांग रहे हैं : एनआईए
वरवरा राव

एनआईए ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा है कि एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी वरवर राव का स्वास्थ्य आधार पर जमानत मांगना महज एक ‘‘चाल’’ है और वह कोविड-19 वैश्विक महामारी तथा अपनी उम्र की आड़ में अनुचित फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक हफ्ता पहले 16 जुलाई को दिए अपने हलफनामे में कहा कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें किसी मल्टीस्पैश्यिलिटी अस्पताल में इलाज की जरूरत नहीं है. उसी दिन 81 वर्षीय कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता राव कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए.

एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले की जांच कर रही एनआईए ने कहा है कि स्वास्थ्य आधार पर राव की जमानत अर्जी महज एक ‘‘चाल’’ है और वह वैश्विक महामारी तथा अपनी उम्र की आड़ में अनुचित लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं और मामले को देखते हुए राव को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘जेल अधिकारियों ने समय रहते कदम उठाया और आरोपी राव को आवश्यक चिकित्सा सहायता मुहैया करायी. याचिकाकर्ता आरोपी को 28 मई को दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जे जे अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के बाद उन्हें एक जून को छुट्टी दे दी गई क्योंकि उनमें बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए और उनके दिल में रक्त का प्रवाह भी स्थिर पाया गया.’’

इसमें कहा गया है कि राव के चिकित्सा रिकॉर्ड और जेजे अस्पताल के अधीक्षक द्वारा दी गई रिपोर्ट से यह नहीं पता चलता कि वह ऐसी किसी बीमारी से पीड़ित हैं जिसमें उन्हें फौरन किसी मल्टी-स्पैश्यिलिटी अस्पताल में इलाज कराने की जरूरत है.

राव का अभी कोविड-19 और अन्य बीमारियों के लिए मुंबई के नानावती अस्पताल में इलाज चल रहा है जो शहर के सर्वश्रेष्ठ मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों में से एक है.

बंबई उच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को राव की जमानत याचिका पर संक्षिप्त सुनवाई की थी.

राव के वकील सुदीप पसबोला ने अदालत से कहा कि कार्यकर्ता ‘‘लगभग मृत्यु शय्या’’ पर हैं और एनआईए भी इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि उनकी हालत बहुत गंभीर है.

पसबोला ने कहा, ‘‘उनकी (राव) हालत काफी गंभीर है. जब वह जे जे अस्पताल में थे तो उन्होंने अपना सिर बिस्तर में मार लिया और उन्हें गंभीर चोट आई थी. कोविड-19 के अतिरिक्त वह अन्य कई बीमारियों से भी पीड़ित हैं.’’

उन्होंने राव को जमानत देने का आग्रह किया और कहा, ‘‘उनके दिन गिनती के बचे हैं, और यदि उन्हें मरना है तो कम से कम उन्हें उनके परिवार की मौजूदगी में मरने दिया जाए.’’

एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जहां तक वह जानते हैं, कोविड-19 के रोगियों को किसी से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

उन्होंने कहा कि राव शहर के सर्वश्रेष्ठ मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों में से एक में भर्ती हैं और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उनकी देखभाल की जा रही है.

एनआईए को बृहस्पतिवार को अदालत को यह बताना था कि क्या राव के परिवार को उनसे मिलने की अनुमति दी जा सकती है.

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Published Date: July 23, 2020 1:05 PM IST