नई दिल्ली/ मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू होने के दूसरे दिन बुधवार को मुंबई में एनसीपी के नेता वाईबी चव्हाण सेंटर पहुंचे. इसमें पार्टी के प्रमुख नेता शरद पवार और अजित पवार भी शामिल हैं. सेंटर जाते वक्त एनसीपी के अजित पवार ने कहा कि यदि दलबदल की स्थिति होती है तो तीनों पार्टियां ए, बी, और सी तय करके एक कॉमन उम्मीदवार का समर्थन करेंगी, तब हमें कोई पराजित नहीं कर सकेगा. वहीं, शिवसेना की अपील पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
पवार ने कहा कि एनसीपी ने गवर्नर को एक पत्र दिया था, जिसमें तीन दिनों का समय मांगा गया था, क्योंकि कांग्रेस नेता यहां नहीं थे और सुबह स्थितियां बिलकुल अलग थीं. हम पूरी प्रक्रिया (सरकार बनाने) के लिए अधिक समय चाहते थे.
वहीं, शिवसेना सरकार गठन के लिए और समय नहीं देने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका का आज उल्लेख नहीं करेगी.
राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी
बता दें महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच मंगलवार शाम राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को ही राष्ट्रपति को भेजी अपनी सिफारिश में कहा था कि उनके तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य में सरकार नहीं बन पा रही है इसलिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए.
शिवसेना इस याचिका का नहीं करेगी उल्लेख
सरकार गठन के लिए और समय नहीं देने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली शिवसेना इस याचिका का बुधवार को उल्लेख नहीं करेगी. शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते तीन दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली अन्य याचिका तैयार
शिवसेना की ओर से शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करने वाले पार्टी के वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा कि पार्टी ने याचिका का उल्लेख ना करने का निर्णय लिया है. वकील ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को चुनौती देने वाली एक अन्य याचिका तैयार की गई है, लेकिन वह नई याचिका दायर कब की जाएगी इसकी उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी. (इनपुट: एजेंसी)