नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनवाने में बड़ी भूमिका निभा रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अंदर अभी भी तूफान थमा नहीं है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार अभी ऐसे धर्म संकट में हैं कि किसे खुश किया जाए और किसे नाराज. दरअसल, तीन दलों की संयुक्त महा विकास अघाड़ी के गठन की शर्तों के मुताबिक शिवसेना को सीएम का पद मिल ही चुका है. कांग्रेस भी विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपने उम्मीदवार का नामांकन दाखिल कर चुकी है, लेकिन सत्ता के बंटवारे में आई डिप्टी सीएम की पोस्ट पर एनसीपी अभी तक न तो फैसला कर पाई है और ना ही विधानसभा के नागुपर शीतसत्र के 22 दिसंबर तक खत्म होने तक करने की स्थिति में है.
एनसीपी सुप्रीम पवार हर कदम फूंक- फूंक रख रहे हैं कि पार्टी में कोई टूट न हो. हालाकि, पार्टी के सूत्रों ने कहा कि अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. बता दें कि पार्टी के दो सीनियर नेता जयंत पाटिल और छगन भुजबल का नाम डिप्टी सीएम के संभावितों की सूची से अब बाहर हो चुका है, क्योंकि वे पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. अजित से जब पूछा गया कि क्या वह उपमुख्यमंत्री बनना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, “पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा.
पहले बगावत फिर वापस लौटे थे अजित पवार
एनसीपी को बीते 23 नवंबर को तब गहरा झटका लगा था, जब पार्टी प्रमुख शरद पवार के भजीते अजित पवार ने अपने चाचा के खिलाफ बगावत करते हुए बीजेपी के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ले ली थी. हालांकि, अजित समर्थक विधायक एनसीपी प्रमुख के पास जल्दी लौट गए थे. अजित पवार भी शपथ लेने के महज 78 घंटे के बाद 26 नवंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और वापस पवार के पास पहुंच गए थे.
एनसीपी को मिला डिप्टी सीएम का पद
पवार के पास लौट अजित को लेकर कई तरह की सियासी अटकलें चल रही थीं कि आखिर वह किन वादों या आश्वसनों के चलते एनसीपी प्रमुख के पास लौटकर गए हैं. इस बीच पार्टी सूत्रों ने कहा कि अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. बता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार में सत्ता के बंटवारे के फार्मूले के मुताबिक डिप्टी सीएम का पद एनसीपी को मिला, जबकि विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया गया है.
एनसीपी के दो नेताओं के बयान आए सामने
महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय बुलाए गए विशेष सत्र के दिन एनसीपी के दो नेताओं के बयान सामने आए, जिससे साफ हो गया कि एनसीपी में अभी भी डिप्टी सीएम को लेकर पेंच फंसा हुआ है. पार्टी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा शनिवार को कहा कि 22 दिसंबर को नागपुर का विधानसभा का शीत सत्र खत्म होने के बाद ही डिप्टी सीएम की पोस्ट को लेकर फैसला किया जा सकता है. वहीं, एनसीपी महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी ने अभी यह तय नहीं किया है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “उपमुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से होगा, लेकिन पवार साहेब तय करेंगे कि किसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाए. अभी इसपर फैसला लिया जाना बाकी है. आपको इतनी जल्दबाजी क्यों है?”
अजित पवार सबसे संभावित चेहरा, लेकिन क्या कोई और?
महाराष्ट्र की सियासत में चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद जिस तरह से सियासी घटनाक्रम घटा उसकी केंद्रीय भूमिका में पवार फैमिली ही नजर में रही. अजित पवार के अनिश्चतता भरे कदमों ने उन्हें जहां पार्टी और प्रमुख की नजरों में संदिग्ध बना दिया है, उसके बाद से शायद डिप्टी सीएम पर अभी जल्दी फैसला नहीं हो पा रहा है. इस सियासी घटनाक्रम में पवार की बेटी सुप्रिया सुले जिस तरह से पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहीं, वह भी डिप्टी सीएम के संभावित चेहरों में शुमार हो सकती हैं. इस पोस्ट के लिए वैसे तो अजित ही प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन जिस तरह से पार्टी इस पर फैसला लेने में देरी कर रही है, उससे कहीं न कहीं किसी विकल्प पर विचार की संभावना को पर्याप्त गुंजाइश मिलती है.
बीजेपी सांसद से मिले अजित पवार
एनसीपी नेता अजित पवार की नांदेड़ के बीजेपी सांसद प्रतावराव चिखलीकर की शनिवार को सुबह मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात को मीडिया में खूब सुर्खियां मिली तो अपनी सफाई में सामने आए अजित ने कहा, यह एक केवल एक सदभावना की मुलाकात थी, भले ही हम अलग-अलग पार्टियों से हो लेकिन हम एक-दूसरे रिश्ते रखते हैं. फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.