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भाजपा की प्लानिंग का खुलासाः शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे को सीएम पद सौंपने की असली वजह आई सामने

भारतीय जनता पार्टी ने सबको चौंकाते हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में समर्थन करने का फैसला लिया है. हालांकि, इसके पीछे की असली वजह वो नहीं जो बताई जा रही है बल्कि कुछ और है. जानिए क्या है इसकी असली वजह.

Updated: June 30, 2022 7:31 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Vikas Jangra

भाजपा की प्लानिंग का खुलासाः शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे को सीएम पद सौंपने की असली वजह आई सामने

भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दे दिया है. माना जा रहा है कि भाजपा ने ऐसा इसीलिए किया है ताकि शिवसेना कैडर को साथ लेकर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शांत किया जा सके और ठाकरे परिवार को पार्टी से अलग-थलग किया जा सके. शिवसेना विद्रोही होने का दावा कर रही है कि वे असली संगठन हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी. भाजपा की रणनीति शिवसेना को बागियों के साथ बदलने की है और इससे सेना खेमे में निराशा पैदा होगी और अंतत: शिवसेना में ही दो गुट बन जाएंगे. शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि उन्होंने शिवसेना को नहीं छोड़ा है.

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शिंदे जो ठाणे से आगे बढ़कर कद्दावर नेता बने और ठाणे क्षेत्र पर उनकी मजबूत पकड़ है और वे शिवसेना के पहले नेता हैं, जिन्हें पार्टी छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री का पद मिला है. इससे पहले छगन भुजबल, गणेश नाइक और नारायण राणे ने सीएम पद के लिए शिवसेना छोड़ दी, लेकिन नहीं मिल पाए और बीजेपी समेत अलग-अलग पार्टियों में हैं.

गुरुवार सुबह संजय राउत ने शिंदे से पूछा, ‘क्या आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी? ऐसा सिर्फ शिवसेना में ही हो सकता है, लेकिन अब बीजेपी इस तरह से जमीन पर शिवसेना के कैडर को शांत करने के लिए आगे बढ़ी है, जो बहुत आक्रामक हो सकते हैं और बीजेपी के साथ टकराव शुरू हो सकता है.

सालों से जीतते आ रहे हैं शिंदे

शिव सेना के पूर्व ठाणे जिला प्रमुख, आनंद दीघे के एक समर्थक, शिंदे 1980 में राजनीति में शामिल हुए और 1997 में पार्षद और 2004 में विधायक के रूप में चुने गए. तब से वह लगातार जीत रहे हैं और महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार में शहरी विकास मंत्री थे. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया. वह 80 के दशक में शिवसेना में शामिल हुए और उन्हें किसान नगर का शाखा प्रमुख नियुक्त किया गया. 2001 में, वह ठाणे नगर निगम में सदन के नेता के रूप में चुने गए.

(इनपुट- एजेंसी)

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