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भूखा-नंगा था भिखारी, मदद करने पहुंचे तो मिले 2 लाख Cash, फिर ये हुआ...
ऐसे भिखारियों के बारे में आपने सुना होगा जिनके पास फ्लैट, कार तक है. सुनकर कभी यकीन आता है तो कभी नहीं.
Beggar Story: ऐसे भिखारियों के बारे में आपने सुना होगा जिनके पास फ्लैट, कार तक है. सुनकर कभी यकीन आता है तो कभी नहीं. पर आज हम आपको ऐसी ही मिलती-जुलती एक खबर बता रहे हैं जिसे पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे.
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ये खबर है आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के एक भिखारी की. इस भिखारी के पास दो लाख रुपये से अधिक कैश मिला है.
एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से ये पता चला. दरअसल इस एनजीओ के स्वयंसेवक भिखारी की मदद करने पहुंचे थे. वे उसका हुलिया ठीक कर रहे थे.
इस भिखारी का नाम है चिन्ना नरसिम्हुलु, जो कि धोन शहर में एक मस्जिद के पास भीख मांगता है. उसके पास 2 लाख 4 हजार 459 रुपये मिले. द्रोणाचलम सेवा समिति के सदस्यों ने सोमवार को उसके बाल कटवाकर स्नान कराया और उसे नए कपड़े भी दिए.
समिति के सदस्य ए. मधु के अनुसार इस 58 वर्षीय भिखारी के पास 14 शर्ट की जेब में करेंसी नोटों के बंडल थे. कुल राशि में से 77,000 रुपये की ऐसी करंसी थी, जो नोटबंदी के बाद बंद हो गई है.
एनजीओ ने स्थानीय पुलिस को भिखारी के पास मिले पैसों की जानकारी दी.स्थानीय इंस्पेक्टर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि उनकी पूछताछ से पता चला है कि चिन्ना नरसिम्हुलु उर्फ सीनू तेलंगाना महबूबनगर में मुनप्पगुट्टा कॉलोनी का मूल निवासी है.
उसने पुलिस को बताया कि वह लगभग 24 साल पहले परिवार से बिछड़ गया था. उसकी पत्नी और बेटी जो कि उस समय सिर्फ आठ महीने की थी, काम के लिए बेंगलुरू चली गई थी.
धोन में 16 साल से भीख मांग रहे सीनू ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बेटी के लिए ये पैसे इस उम्मीद में बचाए थे कि वह एक दिन उससे मिलेगी.
पुलिस अधिकारी ने उसे कडप्पा में एक वृद्धाश्रम में भेज दिया है और एनजीओ को सीनू के नाम से बैंक खाता खोलने और पैसे जमा करने के लिए कहा है.
पुलिस सीनू के परिवार का पता लगाने के लिए अपने महबूबनगर के समकक्षों के साथ भी संपर्क कर रही है.
(एजेंसी से इनपुट)