
यूपी में BJP में शामिल हुईं अदिति सिंह के विधायक पति को पंजाब में कांग्रेस ने नहीं दिया टिकट, निर्दलीय नामांकन किया
रायबरेली से कांग्रेस की विधायक रहीं अदिति सिंह (Aditi Singh) कांग्रेस छोड़ बीजेपी (BJP) का दामन थाम दिया. बीजेपी ने अदिति सिंह को रायबरेली से टिकट भी दे दिया, लेकिन अदिति सिंह का ये फैसला उनके पति अंगद सैनी (Angad Saini) के लिए मुश्किल बन गया.

Assembly Elections 2022: रायबरेली से कांग्रेस की विधायक रहीं अदिति सिंह (Aditi Singh) कांग्रेस छोड़ बीजेपी (BJP) का दामन थाम दिया. बीजेपी ने अदिति सिंह को रायबरेली से टिकट भी दे दिया, लेकिन अदिति सिंह का ये फैसला उनके पति अंगद सैनी (Angad Saini) के लिए मुश्किल बन गया. पंजाब में कांग्रेस विधायक अंगद सैनी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया. अब अंगद सैनी ने निर्दलीय ही पंजाब चुनाव में उतरने का फैसला किया. नवांशहर के कांग्रेस विधायक अंगद सैनी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का टिकट नहीं मिलने के बाद इसी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इससे पहले उनकी विधायक पत्नी अदिति सिंह यूपी में भाजपा में शामिल हो गयी थीं.
Also Read:
- कांग्रेस ने कहा- 'सावरकर समझा है क्या... नाम राहुल गांधी है', केंद्रीय मंत्री बोले- हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि...
- अखिलेश यादव की चेतावनी- ...तो कांग्रेस की तरह बीजेपी भी राजनीतिक रूप से हो जाएगी ख़त्म, बुरा हश्र होगा
- राहुल गांधी के घर क्यों पहुंची दिल्ली पुलिस? बीजेपी ने दिया ये जवाब, कांग्रेस के आरोप किए खारिज
अंगद सैनी की पत्नी अदिति सिंह उत्तर प्रदेश में रायबरेली से कांग्रेस की विधायक थीं और उन्होंने हाल ही में वहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रायबरेली से चुनाव लड़ने की कथित तौर पर चुनौती दी थी. कांग्रेस ने नवांशहर से अंगद की जगह सतबीर सिंह सैनी को मैदान में उतारा है.
अंगद सैनी ने यहां अपने समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस आलाकमान ने “एकतरफा फैसला” किया. उन्होंने दावा किया कि पार्टी का फैसला उनके प्रदर्शन पर नहीं, बल्कि उनकी पत्नी से संबंधित मुद्दों पर आधारित था. अंगद सैनी ने दावा किया कि दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व ने उनसे उनकी पत्नी के खिलाफ एक बयान जारी करने को कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया क्योंकि वह अपनी पत्नी ही नहीं, किसी भी महिला को बदनाम नहीं कर सकते और उन्हें पार्टी का टिकट नहीं दिया गया.
अंगद सैनी ने निर्वाचन क्षेत्र में उनके द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कोविड अवधि के दौरान दो साल तक विधायक के रूप में अपने वेतन का दावा भी नहीं किया, ताकि अन्य विधायकों के लिए यह एक उदाहरण बन सके. उन्होंने कहा कि बागी बनकर चुनाव लड़ने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा, “शायद, चुनाव जीतने के बाद मुझे एक अहम भूमिका निभानी है क्योंकि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना नहीं है.”
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें