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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा अस्वीकार्य है. मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही पंजाब में एक हाई अलर्ट का आदेश दिया. सीएम ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को तुरंत राष्ट्रीय राजधानी खाली करना चाहिए और सीमाओं पर अपने शिविरों में वापस जाना चाहिए और कृषि कानून को लेकर गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए.
मुख्यमंत्री सिंह ने ऐतिहासिक लाल किले में हुई घटनाओं की निंदा की और किसानों से राष्ट्रीय राजधानी को तुरंत खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह किया, जहां वे पिछले दो महीनों से शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे.
Shocking scenes in Delhi. Violence by some elements is unacceptable. It’ll negate goodwill generated by peacefully protesting farmers. Kisan leaders have disassociated themselves & suspended Tractor Rally. I urge all genuine farmers to vacate Delhi & return to borders: Punjab CM pic.twitter.com/0hQ6rgsugz
— ANI (@ANI) January 26, 2021
सिंह ने दिल्ली में तनाव और हिंसा के बीच पंजाब में हाईअलर्ट का आदेश दिया और राज्य के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य में कानून और व्यवस्था किसी भी कीमत पर खराब न हो.
राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा संभवत: कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई जिन्होंने दिल्ली पुलिस और किसान यूनियनों के बीच आपसी समझौते के माध्यम से ट्रैक्टर मार्च के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया.
उन्होंने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन तत्वों ने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन में खलल डाला.
सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और दिल्ली में अन्य स्थानों पर हुई घटनाओं की भी निंदा की. इसका उल्लेख करते हुए कि किसान नेताओं ने पहले ही हिंसा से खुद को अलग कर लिया है.
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को तुरंत राष्ट्रीय राजधानी खाली करना चाहिए और सीमाओं पर अपने शिविरों में वापस जाना चाहिए और कृषि कानून को लेकर गतिरोध को दूर करने के लिए केंद्र के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए.
सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘दिल्ली में चौंकाने वाली घटनाएं. कुछ तत्वों द्वारा की जा रही हिंसा अस्वीकार्य है. किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से जो साख बनी थी इससे उसे नुकसान पहुंचेगा. किसान नेताओं ने इन घटनाओं से खुद को अलग कर लिया है और ट्रैक्टर रैली को निलंबित कर दिया है. मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं.’’
सिंह ने किसानों से संयम बरतने का आह्वान किया जो उन्होंने पिछले दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर और पंजाब में इससे पहले अपना शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान दिखाया है.
उन्होंने कहा कि शांति उनके आंदोलन की पहचान थी और यही भारत और दुनिया भर से उन्हें मिले समर्थन का कारण था. उन्होंने किसानों द्वारा लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
लाठी-डंडे, राष्ट्रीय ध्वज एवं किसान यूनियनों के झंडे लिये हजारों किसान मंगलवार को गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टरों पर सवार हो बैरियरों को तोड़ते व पुलिस से भिड़ते हुए लालकिले की घेराबंदी के लिए विभिन्न सीमा बिंदुओें से राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हुए.
पंजाब के मुख्यमंत्री ने सोमवार को किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण रहे.
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान कई सप्ताह से दिल्ली के कई बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं.
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