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पंजाब की मान सरकार का बड़ा एक्शन-424 वीआईपी लोगों की हटाई सुरक्षा, कहा-इन्हें क्या जरुरत है...

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लेते हुए 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था हटा दी है और कहा है कि-इन्हें अब सुरक्षा की जरुरत नहीं. राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को जरूरी बताते हुए सुरक्षाकर्मियों को वापस बटालियन भेज दिया गया है.

Published: May 28, 2022 11:37 AM IST

By Kajal Kumari

पंजाब की मान सरकार का बड़ा एक्शन-424 वीआईपी लोगों की हटाई सुरक्षा, कहा-इन्हें क्या जरुरत है...
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Punjab News: पंजाब की भगवंत मान सरकार एक पर एक बड़े फैसले ले रही है. एक तरफ सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अख्तियार कर रखा है तो वहीं सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम करने के लिए भी अब बड़ा कदम उठा रही है. पंजाब सरकार ने एक साथ 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली है और कहा है कि इन लोगों को सुरक्षा की क्या जरुरत है. इनकी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी अब वापस अपने बटालियन में जाएंगे. जिन लोगों के खिलाफ मान सरकार ने ये कैंची चलाई है, उनमें  डेरामुखी सहित कई सेवानिवृत्त अधिकारी और पूर्व विधायक भी शामिल हैं.

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पंजाब सरकार ने इस मामले में काफी विचार विमर्श के बाद ये फैसला लिया है जिसके तहत कहा गया है कि 424 लोगों की सुरक्षा वापस ली जाएगी. सरकार के जारी आदेश के मुताबिक जिन सुरक्षा कर्मियों को सुरक्षा से हटा दिया गया है, उन्हें आज अपनी बटालियनों में जाकर रिपोर्ट करना होगा.

इन वीआईपी लोगों को भी नहीं मिलेगी सुरक्षा

बता दें कि इस आदेश के दायरे में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, सिंगर सिद्धू मूसेवाला, शिअद के वरिष्ठ नेता चरण जीत सिंह ढिल्लों भी आ गए  हैं. इससे पहल भी अप्रैल माह में पंजाब सरकार ने 184 लोगों की वीआईपी सिक्योरिटी हटा दी थी. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री सहित कई विधायक शामिल थे. जिन्हें पंजाब सरकार ने प्राइवेट सिक्योरिटी दे रखी थी.

इनमें अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, गुरदर्शन बराड़, आईपीएस गुरदर्शन सिंह और उदयबीर सिंह (पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के बेटे) के परिवार और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके परिवार के सदस्यों को भी वीआईपी सुरक्षा मिली थी.

इसके साथ ही पंजाब सरकार ने पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सुरजीत सिंह रखड़ा और बीबी जागीर कौर, तोता सिंह (शिरोमणि अकाली दल मोगा), कांग्रेस के पूर्व सांसद वरिंदर सिंह बाजवा, संतोष चौधरी और कांग्रेस के पूर्व विधायक दीप मल्होत्रा की सुरक्षा भी वापस लेने के आदेश दिए थे.

इस वजह से सुरक्षा हटाने का लिया गया फैसला

बताया जा रहा है कि सुरक्षा वापस लेने से पहले पंजाब की मान सरकार ने शुक्रवार को एक रिव्यू बैठक की थी, जिसमें इस बात पर विचार विमर्श किया गया था कि क्या 424 लोगों को सुरक्षा की जरूरत है, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं.

वीआईपी लोगों की सुरक्षा को वापस लिए जाने का सरकार ने एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस में पहले से ही कर्मचारियों की कमी चल रही है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आम स्थानों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके कारण सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो रहा है.

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