
Punjab News: चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले सीएम चन्नी का बड़ा फैसला-नए DGP की हुई बहाली, जानिए
पंजाब में वििधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले सीएम चन्नी ने बड़ा फैसला सुनाया है और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह नए DGP के रूप में वीके भावरा को पंजाब का नया डीजीपी नियुक्त किया है.

Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आज अन्य चार और राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होना है. इन तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. ठीक इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य के नए डीजीपी केे नाम पर मुहर लगाई है. पंजाब की चन्नी सरकार ने वीरेश कुमार भावरा (VK Bhavra) को नए डीजीपी (DGP) के रूप में नियुक्त किया है. वो अब सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह लेंगे. वीरेश कुमार भावरा के नाम की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है.
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पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले पर मचा है बवाल
पंजाब सरकार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक को लेकर तारों तरफ से किरकिरी हो रही है. सत्तापक्ष-विपक्ष दोनों में जमकर बयानबाजी हो रही है. इस बीच पंजाब सरकार (Punjab Government) ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से मिले पैनल के विचार के आधार पर वीरेश कुमार भावरा (VK Bhavra) को नए डीजीपी (DGP) के रूप में नियुक्त किया है. वीके भावरा 1987 बैच के आइपीएस अफसर हैं.
UPSC से प्राप्त पैनल के विचार के आधार पर IPS वीरेश कुमार भावरा को पंजाब के नए DGP के रूप में नियुक्त किया गया है। pic.twitter.com/4MQhjHgcwy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2022
डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह लेंगे भावरा
बता दें कि यूपीएससी ने डीजीपी के पद के लिए तीन अफसरों का चयन किया था, जिसमें 1987 बैच के ही दिनकर गुप्ता, वीके भावरा और 1988 बैच के प्रबोध कुमार के नाम शामिल थे. राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले ही भावरा के नाम पर मुहर लगाई है. वीरेश कुमार भावरा वर्तमान डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (Siddharth Chattopadhyaya) की जगह लेंगे.
सवालों के घेरे में थे डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होने के कारण पद से हटाया गया है. प्रोटोकॉल के तहत राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को प्रधानमंत्री के काफिले के साथ रहना जरूरी है, लेकिन दोनों अधिकारी उस वक्त काफिले में नहीं थे. इतना ही नहीं डीजीपी की ओर से रूट क्लियर होने का ग्रीन सिग्नल मिला था. उसके बाद ही प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते रवाना हुए थे. लेकिन आगे सड़क को प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखा था.
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