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Punjab Opinion Poll: मालवा क्षेत्र में AAP सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस को नुकसान होने का अनुमान

पंजाब की राजनीति में मालवा क्षेत्र का कितना महत्व है यह तो आप जानते ही होंगे. पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 69 सीटें अकेले मालवा क्षेत्र में हैं. मालवा में जो पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर लेती है, राज्य में उसकी सरकार बनने की संभावना ज्यादा होती है. पिछले यानी पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने इस क्षेत्र की 69 में से 40 सीटें जीती थीं.

Updated: January 20, 2022 8:12 PM IST

By Digpal Singh

Punjab Opinion Poll: मालवा क्षेत्र में AAP सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस को नुकसान होने का अनुमान

Malwa ka Hall: पंजाब की राजनीति में मालवा क्षेत्र (Malwa election) का कितना महत्व है यह तो आप जानते ही होंगे. अगर नहीं जानते तो हम बता देते हैं. पंजाब की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 69 सीटें अकेले मालवा क्षेत्र में हैं. बाकी माझा (25) और दोआब (23) दोनों को मिलाकर 48 सीटें हैं. राज्य में बहुमत का आंकड़ा 59 है और अगर कोई पार्टी सिर्फ मालवा क्षेत्र की ही सभी सीटों पर जीत दर्ज कर ले तो वह बहुमत के आंकड़े से ज्यादा नंबर लाकर आसानी से सरकार चला सकती है. पंजाब का दक्षिणी क्षेत्र मालवा कहलाता है और राज्य की राजनीति में इस क्षेत्र का दबदबा देखने को भी मिलता है.

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मालवा में जो पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर लेती है, राज्य में उसकी सरकार बनने की संभावना ज्यादा होती है. पिछले यानी पंजाब विधानसभा चुनाव 2017 में कांग्रेस ने इस क्षेत्र की 69 में से 40 सीटें जीती थीं. इसके अलावा माझा से 22 और दोआब से कांग्रेस को 15 सीटों पर जीत मिली थी. मालवा क्षेत्र इतना अहम है कि कांग्रेस के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर से चुनाव लड़ रहे हैं जो मालवा क्षेत्र में आता है. आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है और वह मालवा क्षेत्र की ही धुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख नेता सुखबीर सिंह बादल भी मालवा क्षेत्र के फरीदकोट से चुनाव लड़ते आए हैं. बात करें पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की तो वह इस बार अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में हैं, वह पटियाला शहरी क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे हैं और यह भी मालवा क्षेत्र में ही आता है.

मालवा क्षेत्र में कांग्रेस को वोट प्रतिशत के हिसाब से नुकसान होता दिख रहा है. इस क्षेत्र में कांग्रेस को पिछले चुनाव में 37 फीसद वोट मिले थे, जबकि इस बार 29 फीसद वोट मिलने की संभावना है. शिरोमणि अकाली दल को पिछले चुनाव की ही तरह 26 फीसद मत मिलने का अनुमान है. इस क्षेत्र में आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ी बढ़त दिख रही है. पिछले चुनाव में इस क्षेत्र से 27 फीसद वोट लेने वाली AAP को इस बार 36 फीसद मत मिलने की संभावना है. भाजपा को पिछली बार 3 फीसद मत मिले थे इस बार 4 फीसद वोट मिलने की संभावना है, जबकि अन्य भी 7 फीसद से 5 फीसद पर आ सकते हैं.

सीटों के लिहाज से मालवा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है. यहां आम आदमी पार्टी को 28-30 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में AAP को यहां से 18 सीटें मिली थीं. कांंग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में 40 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसके 19-21 सीटों पर सिमटने का अनुमान है. शिरोमणि अकाली दल पिछले चुनाव में 8 सीटों पर सिमट गई थी  इस बार उसे फायदा होने की संभावना है और वह 13-14 सीटें जीत सकती है. भाजपा को 2-3 सीटें मिल सकती हैं, पिछले चुनाव में बीजेपी को 1 सीट मिली थी. अन्य पिछले विधानसभा चुनाव में 2 सीटें जीते थे, जबकि इस  बार अन्य 2-4 सीटें जीत सकते हैं.

मालवा क्षेत्र के लोग भी मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी को ही मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. वह 31 फीसद वोट के साथ पहले नंबर पर हैं. दूसरे नंबर पर मालवा के लोगों की पसंद भगवंत मान हैं, जिन्हें 24 फीसद लोग पसंद करते हैं. मालवा के 22 फीसद लोग प्रकाश सिंह बादल को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. 10 फीसद लोग अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर पसंद करते हैं, नवजोत सिंह सिद्धू को 5 फीसद और कैप्टन अमरिंदर सिंह को 8 फीसद लोग मुख्यमंत्री के तौर पर देखते हैं.

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Published Date: January 20, 2022 8:04 PM IST

Updated Date: January 20, 2022 8:12 PM IST