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सरकारी वृद्धावस्था पेंशन योजना पाने के लिए राजस्थान में हो गए सैकड़ों 'बूढ़े', जानें पूरी बात
राजस्थान में जयपुर के दूदू तहसील के कई गांवों में लोगों ने सरकारी खजाने को चूना लगाते हुए करोड़ों रुपये डकार लिए.
नई दिल्ली: राजस्थान में सरकारी वृद्धावस्था पेंशन योजना से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. राजस्थान में जयपुर के दूदू तहसील के कई गांवों में लोगों ने सरकारी खजाने को चूना लगाते हुए करोड़ों रुपये डकार लिए. दरअसल यहां पर वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए जवान भी बूढ़े हो गए. यह आंकड़ा एक-दो का नहीं बल्कि हजार के ऊपर पहुंच गया. यहां के 4489 पेंशन लाभार्थियों में से 2593 फर्जी पाए गए. ऐसे में अब गरीब और असहाय वद्धजनों को मिलने वाली 4137 करोड़ की सरकारी योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं.
हमारे सहयोगी अखबार डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में वृद्धावस्था पेंशन योजना के अनुसार, 56 वर्ष से ऊपर की महिलाएं और 58 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष 500 रुपये प्रति माह की पेंशन के हकदार हैं. दूदू तहसील के नीमली गांव की लक्ष्मी कंवर ने भी बताया कि उन्होंने कैसे ई मित्र संचालकों को पैसे देकर अपनी और अन्य दो लोगों की उम्र बढ़वाई और ई मित्र संचालक को इसके लिए रिश्वत के रूप में 9 हजार रुपए दिए. इसके बाद लक्ष्मी की उम्र 36 से बढ़कर 56 हो गई. इसके चलते अब वह अपनी 64 वर्षीय सास के साथ खुद भी पेंशन ले रही है. इसी गांव की रहने वाली भंवरी देवी की उम्र 40 साल है लेकिन वह छह महीने से वृद्धावस्था पेंशन ले रही हैं. उसने बताया कि तीन हजार रुपए लेकर ईमित्र संचालक और पोस्टमैन ने उनकी उम्र बढ़ा दी. नीमली गांव में कुल 175 को वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, इनमें से 110 फर्जी पाए गए हैं.
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एक व्यक्ति की राशन कार्ड, आधार कार्ड व पेंशन में अलग-अलग उम्र
इसके अलावा दूदू तहसील के बोकड़वास गांव के रघुवीर सिंह की उम्र राशन कार्ड में 43 साल, आधार कार्ड में 48 साल और पेंशन पीपीओ के अनुसार 70 साल है. जबकि पेंशन पीपीओ के अनुसार रघुवीर सिंह की मां की उम्र 83 साल है. यानी रघुवीर की मां उनसे महज 13 साल बड़ी हैं. सूत्रों ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में ग्राम पंचायत, डाक विभाग और ईमित्र केंद्रों के अधिकारी शामिल हैं, जहां पेंशन आवेदकों के डेटा ऑनलाइन अपलोड किए जाते हैं.
ऐसे बढ़ाते थे उम्र
राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी ने बताया कि पेंशन के लिए महिला 55 और पुरूष 58 साल का होना चाहिए. ई मित्र संचालक पोश मशीन पर अंगूठा लगवाकर पहले आधार कार्ड, फिर भामाशाह कार्ड और फिर राशन कार्ड से उम्र बढ़ा देते हैं. मतदाता पहचान पत्र की फोटो कॅापी में भी कांट-छांट कर वही उम्र दर्शा दी जाती है. इसके बाद पेंशन के लिए आवेदन किया जाता है. पंचायत समिति से भी इन फर्जी पेंशनधारियों का सत्यापन हो जाता है. पेंशन शुरू होते ही सभी दस्तावेजों में उम्र वापस कम कर दी जाती है.
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