
बिजली के अघोषित कटों से परेशान हैं लोग, बोले- साहब बच्चों के एग्जाम हैं, बिना लाइट कैसे पढ़ें ?
राजस्थान के पाली जिले में लोग बिजली के अघोषित कटों से परेशान हैं. एक तो गर्मी और ऊपर से बिजली के कटों ने लोगों को परेशान कर रखा है. लोगों का कहना है कि बच्चों की परीक्षाएं हैं, ऐसे में वे बिना लाइट कैसे पढ़ेंगे.

राजस्थान के पाली जिले में बिजली के अघोषित कटों के चलते लोग परेशान हैं. एक तो गर्मी और ऊपर से बिजली के कट ने लोगों को परेशान कर रखा है. अघोषित कटों ने आम जन का जीना हराम कर दिया है. लोगों का कहना है कि सरकार ने लोड सिंडिग के नाम पर देसूरी क्षेत्र को अंधेरे का पर्याय बना रखा है. जवाबदेही शून्य हो गई है.
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मंगलवार को हुई बम्पर अघोषित बिजली कटौती से जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों पारा सांतवे आसमान पहुच गया. सोशियल मीडिया पर लोगों ने आंदोलन और डिस्कॉम कार्यालय का घेराव करने का आह्वान कर दिया. दरअसल इन दिनों लाइट की भयंकर कटौती के चलते विद्युत संचालित कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रखे हैं. सरकारी दफ्तर भी इस जद्द में आ गए. ऑनलाइन कार्य नहीं होने से सरकारी कार्यालय और ई-मित्र इत्यादि पर काम का लोड बढ़ गया है. खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने वाले लोगों को ई मित्र केन्द्रों पर लम्बी कतारों में लगकर घण्टों तक इंतजार करना पड़ रहा है.
वहीं, बोर्ड परीक्षाओं के चलते विद्यार्थियों को अध्ययन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के एग्जाम हैं, बिना लाइट कैसे पढ़ें ?. इसी के साथ बुजुर्गों और बीमारग्रस्त लोगों का जीना ही दुश्वार हो गया है. सन्ध्याकाल में बिजली कटौती से महिलाओं को घरेलू काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र हो रही कटौती से लोग परेशान
शहरी क्षेत्र की बजाय ग्रामीण इलाके में अप्रत्याशित कटौती की जा रही है। शिकायत सुनने वाला कोई नही है।बिजली की कमी का हवाला देकर इतिश्री की जा रही है।लेकिन समुचित व्यवस्था पर जिम्मेदार मौन है।स्थिति कब तक सुधरेगी,इसका कोई आधिकारिक सूचना नही मिलने से लोग निराश,हतास व परेशान है।ग्रामीण क्षेत्र में 12घण्टे से ज्यादा की इनदिनों कटौती होना सामान्य बात है। कटौती पर जनप्रतिनिधियों ने प्रेस सूचना जारी कर डिस्कॉम कार्यालय का घेराव व प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
छात्रावास के छात्र खुले में सुने पर मजबूर
कुम्भलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य से करीब पांच सौ मीटर दूरी पर स्थित भीमराव अंबेडकर सरकारी छात्रावास पढ़ने वाले छात्र भवन से बाहर सोने को मजबूर हैं. मंगलवार रात को सन्ध्याकाल से ही हुई कटौती के चलते रात करीब 11बजे छात्रावास भवन के बाहर चारपाई पर सोये हुए नजर आए. जबकि वन्यजीव पास में होने पर उनके जीवन को संकट हो सकता है.
सरकारी कार्यालयों में काम प्रभावित
उपखण्ड कार्यालय, तहसील, पंचायत समिति,पुलिस थाना समेत अन्य सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में अधिकांश काम ऑनलाइन तरीके से किए जाते है. लाइट नहीं होने पर काम समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं. आमजन लाइट के इंतजार में दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं. खाद्य सुरक्षा अपील के लिए 30 अप्रैल तक ही आवेदन किए जाने की सूचना पर ऑनलाइन आवेदन और आधार कार्ड में संशोधन के लिए भीड़ लगी हुई है. मगर उनके कार्य नहीं हो पाने से लोगो में आक्रोश है.
स्थिति नही सुधरी तो डिस्कॉम कार्यालय का होगा घेराव
ग्राम पंचायत नारलाई के सरपंच शेखर मीणा का कहना है कि विद्युत आपूर्ति नहीं होने से ग्रामीण परेशान है. 12 घण्टे से ज्यादा कटौती हो रही है. इसमें कमी नहीं हुई तो मजबूरन डिस्कॉम कार्यालय का घेराव और प्रदर्शन करना पड़ेगा. वहीं, गांव के लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र की बजाय ग्रामीण इलाके में भयंकर कटौती की जा रही है. सरकार को यह दोहरा व्यवहार बन्द करना चाहिए. जनता विकट समस्या से जूझ रही है. जल्द ही राहत प्रदान करनी चाहिए.
‘कांग्रेस सरकार की विफलता सबके सामने है’
वहीं, बाली से विधायक और पूर्व ऊर्जामंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत ने कहा कि राजस्थान में उनके ऊर्जामंत्री रहते लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति की गई. क्षेत्र में 32 kv ग्रेड सब स्टेशन और जीएसएस बनवाये लेकिन कांग्रेस सरकार लोगों को विद्युत आपूर्ति करने पूरी तरफ फेक हो चुकी है. यह सरकार की विफलता को दर्शाता है.
(इनपुट- ब्यूरो)
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