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राजस्थान के डुंगरपुर जिले में पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग को बेचने की नीयत से अपहरण करने के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने 2 महिला समेत तीनों लोगों को तीन-तीन साल कठोर कारवास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने तीनों पर 15-15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि सदर थाने में अक्टूबर 2019 में ये मामला दर्ज हुआ था.
जानकारी देते हुए डूंगरपुर जिले की पोक्सो कोर्ट के सरकारी वकील योगेश जोशी ने बताया कि जिले के सदर थाने में 11 अक्टूबर 2019 को पीड़िता की मां ने शिकायत दी थी. उन्होंने शिकायत में कहा था कि बड़गी निवासी जीव उर्फ़ दिनेश, रेखा और लक्ष्मी तीनों जुलाई 2019 को उनके घर आये थे. इस दौरान तीनों उसकी बेटी को मजदूरी के लिए अपने साथ गुजरात ले गए. जहां पर लक्ष्मी और उसके पति दिनेश ने उसकी बेटी को अपने साथ कमरे में छिपा कर रखा. उसकी बेटी से उनका कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा.
शिकायत में बताया गया कि एक दिन दिनेश के फोन से पीड़िता ने अपने मां को फोन करके सम्पर्क किया और पूरी बात बताई. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग को दस्तयाब किया. पुलिस पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि लक्ष्मी और उसके पति दिनेश उसकी शादी अपने बेटे से करवाना चाहते थे, जिसके चलते करीब चार माह तक बंधक बनाकर रखा. जिस पर पुलिस ने रेखा, लक्ष्मी और दिनेश को गिरफ्तार किया.
वहीं, पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ पोक्सो कोर्ट में चालान पेश किया. इसी मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए डूंगरपुर पोक्सो कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया. कोर्ट ने दोषी रेखा, लक्ष्मी और दिनेश को 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. वहीं तीनो पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
(इनपुट- अखिलेश शर्मा)
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