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देश की सबसे बड़ी पार्टी से लेकर महज़ दो राज्यों में सिमटी कांग्रेस अब अपनी खोई हुई ज़मीन को हासिल करने के लिए राजस्थान के उदयपुर की धरती पर मनन चिंतन करने जा रही है. कांग्रेस की राष्ट्रीय चिंतन शिविर के लिए 13 से 15 मई तक की तारीख़ों का आधिकारिक ऐलान कर दिया है. इसकी जानकारी देते हुए आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया.
माना जा रहा है कि इस चिंतन शिविर के ज़रिए ही प्रशांत किशोर कि कांग्रेस में एंट्री होगी और इस चिंतन शिविर में ही प्रशांत किशोर कांग्रेस की भावी रणनीति का पूरा खाका कांग्रेस के नेताओं के समक्ष रखने वाले हैं. इस चिंतन शिविर के ज़रिए ही पार्टी में प्रशांत किशोर की भूमिका और उनकी शक्तियां, उनकी ताक़त और उनके भविष्य का एजेंडा भी तय हो जाएगा. इसके साथ इस बात पर भी मंथन होगा कि कांग्रेस की वर्तमान युवा पीढ़ी और अनुभवी नेताओं के बीच राज्यों में तालमेल किस तरीक़े से बेहतर हो और इन दोनों पीढ़ियों की भूमिका किस तरीक़े से स्पष्ट तौर पर तय कर दी जाए ताकि आपसी टकराहट और गुटबाज़ी ख़त्म की जा सके.
दरअसल, झीलों की नगरी उदयपुर में चिंतन शिविर कराए जाने की एक वजह यह भी है कि इस साल नवंबर माह में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं. उदयपुर, गुजरात से सटा हुआ है. ऐसे में उदयपुर में पार्टी के तमाम शीर्ष नेताओं के जुटने का असर गुजरात कांग्रेस के नेताओं कार्यकर्ताओं में भी रहेगा और चिंतन शिविर के जरिए गुजरात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मूल मंत्र भी दिया जाएगा. 3 दिन तक चलने वाले चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित देश भर से 400 नेताओं को चिंतन शिविर में आमंत्रित किया जाएगा. उदयपुर शहर में ही चिंतन शिविर के लिए आधा दर्जन लग्जरी होटल बुक किए गए हैं. हाल ही में उदयपुर दौरे पर आए सीएम गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने चिंतन शिविर के लिए कई होटल देखे थे.
कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए नेताओं को ज़िम्मेदारी देना शुरू कर दिया है. देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महँगाई का मुद्दा किसानों के इश्यूज, गुजरात हिमाचल के चुनाव और उसके बाद राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्यों सहित लोक सभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति चुनौतियों सहित अलग अलग मुद्दों पर तैयारियों का ज़िम्मा अलग अलग नेताओं की कमेटियों को सौंपा गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा थी कि राजस्थान में ही कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया जाए. इसके लिए बकायदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से ही केंद्रीय कमेटी को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा गया. आलाकमान की मंजूरी के बाद अब चिंतन शिविर की तैयारियां भी तेज हो गई हैं.
(इनपुट-सुशांत पारीक)
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