नई दिल्ली: राजस्थान की 200 सीटों पर 7 दिसंबर को मतदान होना है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने बागी नेताओं से परेशान हैं. ये बागी दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ सकते हैं. वहीं इकनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक राज्य में 25 ऐसी सीटे हैं जहां सट्टा बाजार में भी कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों पर दांव लगाने की बजाय बागियों पर दांव लगाया जा रहा है. टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी नेता निर्दलीय ही मैदान में उतरे हैं. Also Read - राहुल गांधी सुबह साढ़े 4 बजे मछली पकड़ने समुद्र में गए, कहा- मछुआरों के काम का करते हैं सम्मान, इनके लिए...
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बीजेपी ने जहां 13 बागियों को पार्टी से निकाला है वहीं कांग्रेस ने 28 बागियों को 6 साल तक के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 135 सीटों पर सीधी टक्टर कांग्रेस और बीजेपी में है. वहीं 35 सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय है वहीं 25 सीटें ऐसी हैं जहां चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. कांग्रेस ने गठबंधन में शामिल पार्टियों को 5 टिकट दिए हैं जबकि खुद 195 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. Also Read - संजय राउत ने कहा- गुजरात नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की हार लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह, पार्टी को विचार करना होगा
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बीजेपी के बागी

हेमसिंह भडाना, विधानसभा सीट- थानागाजी, बीजेपी सरकार में मोटर गैराज मंत्री रहे हैं. दो बार विधायक रहे. वह गुज्जर समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. अपने समुदाय पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है.

राजकुमार रिणवा, विधानसभा सीट- रतनगढ़, बीजेपी सरकार में देवस्थान मंत्री. मजबूत ब्राह्मण चेहरा. तीन बार विधायक रहे. बीएसपी से बीजेपी में शामिल हुए अभिनेश महर्षि को कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं.
धन सिंह रावत, विधानसभा सीट- बांसवाड़ा, पंचायती राज राज्य मंत्री. आदिवासी बांसवाड़ा सीट पर मजबूत पकड़. बीजेपी और कांग्रेस दोनों को तगड़ा झटका दे सकते हैं.
सुरेंद्र गोयल विधानसभा सीट- जैतारण, जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी मंत्री. मारवाड़ क्षेत्र में काफी लोकप्रिय और मजबूत माने जाते हैं. गोयल 5 बार विधायक रहे हैं.
ओम प्रकाश हुड़ला, विधानसभा सीट- महुआ, संसदीय सचिव. मीणा समाज में मजबूत पकड़. तेजतर्रार युवा नेता की छवि.
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कांग्रेस के प्रमुख बागी नेता जो कर सकते हैं उलटफेर:

महादेव सिंह खंडेला, विधानसभा सीट- खंडेला, पूर्व केंद्रीय मंत्री. पांच बार के विधायक. एक बार सांसद और केंद्र में मंत्री. अपनी विधानसभा में मजबूत पकड़ रखते हैं. कांग्रेस और बीजेपी को कड़ी चुनौती देने के साथ चुनाव जीतने का भी दमखम रखते हैं.

बाबू लाल नागर, विधानसभा सीट- दूदू, पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री. एक बार के मंत्री. रेप केस के आरोपी. हालांकि इस चुनाव में वह मुकाबले में बहुत मजबूत नहीं दिख रहे हैं.
नाथूराम सिनोदिया, विधानसभा सीट- किशनगढ़, सिनोदिया कांग्रेस के वर्तमान आधिकारिक प्रत्याशी के सलाहकार रह चुके हैं. सिनोदिया ने ही उन्हें पंचायत समिति का सदस्य बनवाया था. ऐसे में वह कड़ी टक्कर दे सकते हैं.
रामकेश मीणा, विधानसभा सीट- गंगापुर सिटी, पूर्व संसदीय सचिव. मजबूत आदिवासी चेहरा. हो सकता है कि वह जीत न पाएं लेकिन रिजल्ट पर असर जरूर डालेंगे.
सीएल प्रेमी, विधानसभा सीट- केशवरायपाटन, पूर्व विधायक. अंतिम समय में इनका टिकट काटकर युवा चेहरे राकेश बोयात को मौका दिया गया था. यह भी इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती हो सकते हैं.
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