Top Recommended Stories

'क्या इसे बौद्धिक दिवालियापन नहीं कहेंगे?' पेपर लीक मामले में गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर कसा तंज

Rajasthan News: अशोक गहलोत ने कहा कि कई राज्य ऐसे हैं जहां पेपर लीक की घटनाएं होती रहती हैं. हमने राजस्थान में कानून बनाया और 200 लोगों को जेल भेजा.

Published: May 26, 2023 8:13 AM IST

By Mangal Yadav | Edited by Mangal Yadav

'क्या इसे बौद्धिक दिवालियापन नहीं कहेंगे?' पेपर लीक मामले में गहलोत ने बिना नाम लिए पायलट पर कसा तंज

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बिना नाम लिए उन पर हमला करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पेपर लीक से प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे देने की उनकी मांग ‘‘ बुद्धि का दिवालियापन ’’को दर्शाती है. गहलोत ने यह भी कहा कि विपक्ष ने पेपर लीक के बारे में बात करना शुरू कर दिया है क्योंकि उसके पास राजस्थान में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार शाम को सिंधी कैंप में नवनिर्मित अत्याधुनिक बस टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं? कानून हमने बनाया है. हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं. हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया. ऐसे लोगों को किस राज्य ने जेल भेजा है?’’

Also Read:

उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे पेपर आउट की बात करेंगे और कहेंगे कि जो 26 लाख लोग बैठे उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इसे आप क्या कहेंगे? इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? ’’ उन्होंने कहा ‘‘दुनिया के इतिहास में किसी ने कभी मांग की कि पेपर आउट हो गए तो जो बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनको मुआवजा दो. क्या मुआवजा दे सकती है सरकार? ’’ गहलोत की टिप्पणी पायलट की प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे की मांग के संदर्भ में थी, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने समर्थन किया था.

पायलट की अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग कर उसका पुनर्गठन करना और भाजपा के पिछले शासन के दौरान भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना शामिल है. अशोक गहलोत ने कहा कि कई राज्य ऐसे हैं जहां पेपर लीक की घटनाएं होती रहती हैं. हमने राजस्थान में कानून बनाया और 200 लोगों को जेल भेजा. चूंकि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह पेपर लीक की बात करने लगा है और उन्हें (उम्मीदवारों को) मुआवजा देने की बात कह रहा है. आप इसे क्या कहेंगे? क्या इसे बौद्धिक दिवालियापन नहीं कहेंगे?

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.