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साइबर क्राइम के खिलाफ जंग की तैयारी, सभी जिलों में खोले साइबर क्राइम थाने, गृह विभाग ने जारी की मंजूरी

राजस्थान में पुलिस ने सभी जिलों में साइबर थाने खोल दिए हैं. इससे पहले सिर्फ जयपुर में साइबर थाना होता था. अब गृहमंत्रालय ने सभी 32 जिलों में थाने खोल दिए हैं.

Published: April 28, 2022 7:37 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Vikas Jangra

साइबर क्राइम के खिलाफ जंग की तैयारी, सभी जिलों में खोले साइबर क्राइम थाने, गृह विभाग ने जारी की मंजूरी

प्रदेश में साइबर क्राइम और ठगों के खिलाफ जंग शुरू करने की तैयारी है. राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 33 जिलों में नए साइबर क्राइम थाने खोल दिए हैं. जयपुर साइबर क्राइम थाने के बाद 32 जिलों में भी नए थाने खोलने क आदेश जारी कर दिए हैं. गृह विभाग ने नए थानों के लिए पदों और संसाधनों की प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है.

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गौरतलब है कि वर्तमान समय में मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, सोशल मीडिया एवं इन्टरनेट का बढ़ता उपयोग जहां लोगों के लिए सहूलियत बना है, वहीं सिरदर्द भी साबित हो रहा है. तकनीक का उपयोग बढ़ने के साथ ही साइबर क्राइम भी बढ़ने लगे हैं. अपराधी पलक झपकते ही बैंक खातों से राशि हड़प रहे हैं, तो मोबाइल और ई मेल हैक कर लोगों को धोखा दे रहे हैं. मौके पर मौजूद हुए बिना अपराध करने वाले ठगों को पकड़ना पुलिस के सामने भी बड़ी चुनौती बनी है.

मालूम हो कि पिछले साल साइबर ठगों ने 9 महीनों में 29 हजार लोगों से करीब 60 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगी की. पहले एक मात्र जयपुर में ही साइबर थाना खोला गया, बाद में भरतपुर में थाना प्रस्तावित किया गया. वहीं केंद्र के निर्देश पर सातों रेंज पर साइबर क्राइम यूनिट खोली गई. इधर साइबर अपराध बढ़ने लगे तो सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने खोलने का फैसला लिया. वित्त विभाग ने भरतपुर और साइबर यूनिट को समायोजित करते हुए 32 जिलों में नए थाने खोलने पर सहमति दी. जयपुर में कार्यरत साइबर थाना को यथावत रखा गया है. सरकार ने साइबर थानों के लिए 480 पद स्वीकृत किए हैं। इनमें वर्तमान में मौजूद 117 पदों को समायोजित कर लिया. शेष थानों के लिए 363 नए पद सृजित किए हैं. राज्य सरकार ने प्रत्येक पुलिस थाने के लिए डीएसपी-इंस्पेक्टर के एक एक पद, एसआई के तीन, हैड कास्टेबल के दो, कांस्टेबल के छह, प्रोग्रामर व सूचना सहायक के एक एक पद सहित 15 पद स्वीकृत किए हैं.

शर्तों के साथ दी गई प्रशासनिक स्वीकृति

गृह विभाग ने कुछ शर्तों के साथ थानों की स्वीकृति दी है। वर्तमान पदों को समायोजित करने के बाद शेष 363 नवसृजित पद आदेश जारी होने की तारीख से 28 फरवरी 2023 तक के लिए अस्थाई रूप से सृजित हैं। विभाग को उक्त अवधि पश्चात समयावृद्धि के लिए प्रस्ताव देगा।

सरकारी या किराए के भवन में शुरू होंगे थाने

पुलिस मुख्यालय ने नवीन साईबर पुलिस थानों के लिए भवन, भूमि की उपलब्धता के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. ऐसे में सरकार ने पुलिस मुख्यालय को सलाह दी है कि प्रत्येक नया थाना प्रथमतः उस जगह राजकीय भवन उपलब्ध हो तो उसमें प्रारम्भ किया जाए. सरकारी भवन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में भूमि आवंटित करवाकर भवन निर्माण के लिए दो करोड़ 45 लाख की सहमति दी है. भवन निर्माण पूर्ण होकर उपलब्ध होने तक सार्वजनिक निर्माण विभाग की दरों पर किराये पर भवन लिये जाने के लिए सहमति दी गई है.

थाने शुरू तो विभाग देगा संसाधन

इन थानों के लिए कम्प्यूटर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि के लिए विभाग भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार थानों के क्रियाशील होने के बाद अलग से प्रस्ताव भेजेगा.

पहले जयपुर अब सभी 32 जिलों में साइबर थाना

पुलिस मुख्यालय से पिछले दिनों सरकार को 40 पुलिस जिलों में साइबर थाने स्थापित करने का प्रस्ताव दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने 23 फरवरी को बजट में इनकी घोषणा भी कर दी. वर्तमान में राज्य स्तरीय के अलावा केवल जयपुर कमिश्नरेट और जिला भरतपुर में एक-एक विशेष (साईबर अपराध) पुलिस थाना है. ऐसे अपराधों के लिए स्वीकृत है. वहीं सात रेंजों में साइबर क्राइम यूनिट हैं. जयपुर थाने को छोड़कर भरतपुर तथा रेंज यूनिटों का नए थानों में मर्ज कर दिया गया है.

(इनपुट- विष्णु शर्मा)

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Published Date: April 28, 2022 7:37 PM IST