
जयपुर के SMS अस्पताल में रोगी को बताना होगा अपना धर्म, जानिए क्यों बना ऐसा नियम?
यपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध अस्पतालों में एक नयी व्यवस्था की गयी है, जिसमें पंजीकरण कराने वाले रोगी को अपने धर्म की जानकारी भी देनी होगी.

जयपुर: जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे संबद्ध अस्पतालों में एक नयी व्यवस्था की गयी है, जिसमें पंजीकरण कराने वाले रोगी को अपने धर्म की जानकारी भी देनी होगी. अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य जनसंख्या विशेष में रोगों का डेटाबेस तैयार करना है.
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Dr. DS Meena, Superintendent SMS Hospital: This information is essential for clinical studies related to specific diseases. This helps in planning at every level for research and treatment as well. #Rajasthan pic.twitter.com/9dPieUOXl3
— ANI (@ANI) July 26, 2019
एसएमएस हास्पिटल के अधीक्षक डॉ डीएस मीणा ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है. धर्म, लिंग, आयु व इलाके जैसी इस जानकारी से चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान आदि के लिए डेटाबेस तैयार करने में मदद मिलती है. इससे किसी जनसंख्या या इलाके विशेष में अगर कोई बीमारी ज्यादा है तो उसे चिह्नित करने में भी आसानी रहती है. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था इसी मंशा से की गयी है. इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि विटामिन डी की कमी मुस्लिम महिलाओं में अधिक पाई जाती है जबकि पेनाइल केरसीनोमा हिंदुओं में अधिक पाया जाता है. चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान के लिए ऐसी जानकारी जुटाना बहुत महत्वपूर्ण है.
ओपीडी फार्म में देनी होगी सारी जानकारी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा सुधीर भंडारी ने यह आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि उसके अस्पतालों में आने वाले रोगियों का पूरा ब्योरा पंजीकरण के समय भरा जाना चाहिए. एसएमएस अस्पताल ने प्री ओपीडी फार्म की प्रक्रिया शुरू की है जिसमें रोगी को सारी जानकारी देनी होगी. अधिकारियों के अनुसार यह व्यवस्था एसएमएस अस्पताल में लागू की गयी है और संबंद्ध अस्पतालों में भी यह शुरू किए जाने की संभावना है. (इनपुट एजेंसी)
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